Modi Cabinet: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मध्य प्रदेश की तव्वजो बढ़ गई है. क्योंकि इस बार प्रदेश से पांच लोकसभा सांसदों को मंत्री बनाया गया है, जबकि एक राज्यसभा सांसद ने भी मंत्रीपद की शपथ ली है.
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Madhya Pradesh Ministers: पीएम मोदी की टीम तैयार हो गई है, इस टीम में मध्य प्रदेश की इस बार अहम भूमिका होने वाली है, क्योंकि हिंदी पट्टी के राज्यों में मध्य प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी ने 29 में से सभी 29 सीटें जीती हैं, ऐसे में इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी बीजेपी का दबदबा बढ़ गया है. क्योंकि पहली बार मध्य प्रदेश के पांच सांसदों ने एक साथ मंत्रिपद की शपथ ली है. जिसमें जातिगत समीकरणों के साथ-साथ सभी अंचलों का भी ध्यान रखा गया है. क्योंकि मध्य प्रदेश में जातिगत समीकरणों के साथ-साथ सभी अंचलों की भूमिका पर भी खास जोर दिया जाता है.
जाति के हिसाब से हिस्सेदारी
मध्य प्रदेश में 6 अंचलों में बंटा हुआ है, ऐसे में मोदी सरकार में जिन मंत्रियों को शामिल किया गया है, उसमें अंचलों का भी पूरा ध्यान रखा गया है. पार्टी ने इस बार 2 ओबीसी, 2 आदिवासी और 1 अनुसूचित जाति से आने वाले सांसद को मंत्री बनाया है. इसके अलावा मध्य प्रदेश आने वाले एक राज्यसभा सांसद भी मंत्री बने हैं. जो दक्षिण के राज्य तमिलनाडू से आते हैं. इस हिसाब से बीजेपी ने इस बार भी समीकरणों को साधने की कोशिश की है.
ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड का दबदबा
ग्वालियर-चंबल का दबदबा एक बार फिर से मोदी सरकार में देखने को मिलेगा. गुना-शिवपुरी से चुनाव जीते ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार में फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. सिंधिया ओबीसी वर्ग से आते हैं. वह पिछली सरकार में भी मंत्री थे, सिंधिया ग्वालियर-चंबल का प्रतिनिधित्व नई सरकार में करते हुए नजर आएंगे. वह तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बने हैं. कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया मनमोहन सरकार में भी मंत्री थे.
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वहीं बुंदेलखंड अंचल से डॉ. वीरेंद्र खटीक को फिर से मंत्री बनाया गया है. खटीक चौथी बार टीकमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं, जबकि चार बार वह सागर लोकसभा सीट से भी सांसद रह चुके हैं. खटीक के जरिए बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. सबसे पहले वह ओबीसी वर्ग से आते हैं, जिसका अच्छा असर बुंदेलखंड अंचल में माना जाता है. पीएम मोदी ने सागर जिले में संत रविदास मंदिर की नींव रखी थी, जिसका फायदा पार्टी को न केवल विधानसभा चुनाव बल्कि लोकसभा चुनाव में भी दिखा. इसलिए बीजेपी ने डॉ. वीरेंद्र खटीक के जरिए दोनों वर्गों को साथने की कोशिश की है. माना जा रहा है कि उनका मंत्रालय भी पुराना ही रहेगा.
डीडी ऊइके को भी मिली जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने जिस तरह से बैतूल से सांसद बने दुर्गादास ऊइके की तारीफ की थी, उससे उनको बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत मिल गए थे. दुर्गादास ऊइके आदिवासी वर्ग से आते हैं, जबकि वह बैतूल से सांसद बने हैं. दुर्गादास ऊइके के जरिए बीजेपी ने आदिवासी वर्ग के साथ-साथ मध्य भारत और निमाड़ अंचल को साधने की कोशिश की है. क्योंकि दुर्गादास ऊइके का असर दोनों जोन में रहता है.
सावित्री ठाकुर को बड़ा मौका
वहीं धार लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद बनी महिला सांसद सावित्री ठाकुर को पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया है. सावित्री ठाकुर के जरिए भी बीजेपी ने एक तीर से तीन निशाने साधे हैं. पहला उन्हें महिला कोटे से जगह मिली है, जबकि दूसरा वह आदिवासी वर्ग से आती हैं. इसके अलावा तीसरा वह मालवा अंचल का प्रतिनिधित्व सरकार में करेंगी. यही वजह कि पार्टी ने इस बार उन्हें मंत्री पद के लिए तव्वजो दी है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करती थी, लेकिन दूसरे कार्यकाल में किसी भी महिला सांसद को जगह नहीं मिली थी. लेकिन इस बार पार्टी ने इस कमी को पूरा कर दिया है. क्योंकि मध्य प्रदेश के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए महिलाओं का वोट गेम चेंचर साबित हुआ है.
एल मुरुगन को फिर मौका
मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद एल मुरुगन को भी फिर से मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. मुरुगन तमिलनाडू से आते हैं, बीजेपी उन्हें दूसरी बार मध्य प्रदेश से ही राज्यसभा भेजा था. ऐसे में वह दोनों राज्यों का प्रतिनिधित्व सरकार और संसद में करेंगे. मुरुगन के जरिए बीजेपी ने राज्यसभा को भी मध्य प्रदेश से प्रतिनिधित्व दिया है. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पिछली सरकार में बतौर राज्यसभा सांसद ही मंत्री बने थे, लेकिन इस बार वह लोकसभा चुनाव जीतकर मंत्री बने हैं.
एमपी में संतुलन बना रही बीजेपी
दरअसल, मोदी सरकार में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी पर अगर गौर किया जाए तो बीजेपी राज्य में हर तरह का संतुलन बनाती दिख रही है. पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी मंत्री बनाने की चर्चा चली थी. लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी फिलहाल मध्य प्रदेश में विनिंग कॉम्बिनेशन से छेड़छाड़ नहीं करना चाहती है. वहीं विंध्य अंचल से भी मंत्री पद नहीं दिया गया है, लेकिन इसी अंचल से आने वाले राजेंद्र शुक्ला को बीजेपी ने प्रदेश में उपमुख्यमंत्री बनाया है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय के लिए बीजेपी शक्ति संतुलन बनाने पर ध्यान दे रही है. क्योंकि मध्य प्रदेश बीजेपी का देश में सबसे मजबूत गढ़ बनकर उभरा है.
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