Mahadev Satta: महादेव ऑनलाइन सट्टा में हारा 30 लाख रुपये! जेल से आया बाहर तो हो गई हत्या
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Mahadev Satta: महादेव ऑनलाइन सट्टा में हारा 30 लाख रुपये! जेल से आया बाहर तो हो गई हत्या

Durg Crime News: दुर्ग में ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ा एक हत्या का मामला सामने आया है, जहां ओमप्रकाश साहू नाम की शख्स की हत्या कर तालाब में फेंक दिया गया. जिस मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है जबकि अन्य की तलाश की जा रही है.

Durg Crime News

हितेश शर्मा/दुर्ग: छत्तीसगढ़ (cg news) के दुर्ग (Durg news) में इन दिनों अपराध और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. ऑनलाइन सट्टे को लेकर अब हत्या का मामला सामने आया है. भिलाई के रहने वाले ओमप्रकाश साहू का पहले अपहरण किया गया. फिर उसकी हत्या कर लाश को उसी कज स्कूटी में बांधकर तालाब में फेंक दिया गया. बता दें कि मृतक ओम प्रकाश साहू 31 मई से गुमशुदा था, जिसके बाद उसके घर वालों ने संबंधित थाने में लिखित सूचना भी दर्ज कराई थी. 

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बता दें कि महादेव ऑनलाइन सट्टे की रकम वसूली के करने वाला ओमप्रकाश साहू नामक युवक का पहले तो अपहरण किया गया. फिर उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. पूरा मामला दुर्ग ज़िले के भिलाई तीन थाना क्षेत्र का है. जहां मृतक ओम प्रकाश साहू महादेव ऑनलाइन सट्टा का क पैनल चलाता था. दो दिन पहले उसका अपहरण किया गया और हत्या कर शव का अखलोरडीह तालाब में फेंक दिया गया. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया है. बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. एडिशनल एसपी अनंत साहू ने बताया कि भिलाई 3 थाना क्षेत्र में मुरुम खदान से बने तालाब में ओमप्रकाश साहू की हत्या कर स्कूटी में बांधकर फेंक दिया गया था. मृतक ओम प्रकाश साहू आदतन अपराधी है और पूर्व में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप के प्रकरण पर वह जेल भी जा चुका है. 

इसलिए हुई हत्या
मिली जानकारी के अनुसार, ओम प्रकाश साहू पर 30 लाख रुपये महादेव ऑनलाइन सट्टा एप का कर्ज बकाया था. मृतक एनडीपीएस तथा आरोपी लूट के प्रकरण में भी जेल काट चुका है. जेल में ही उसकी मुलाकात आशीष तिवारी से हुई जोकि आदतन अपराधी जेल से छूटने के बाद ओम प्रकाश साहू और आशीष तिवारी का दोस्ताना पड़ गया. वे समय-समय पर मिलते-जुलते रहते थे. पुलिस ने बताया कि 31 मई को शाम 7:30 बजे मृतक ओम प्रकाश को उसके साथी ने फोन करके उमदा रोड स्थित अपने किराए के मकान में बुलाया था और बुलाने पर ओमप्रकाश अपनी स्कूटी से लगभग शाम 8 बजे पहुंचा. उस घर में आरोपी आशीष तिवारी के अतिरिक्त अन्य साथी भी उपस्थित थे. ओमप्रकाश के साथ मिलकर सभी ने शराब पी, फिर शराब पीने के बाद पैसे के लेनदेन की बात को लेकर ओमप्रकाश और उसके साथियों का विवाद हुआ. विवाद बढ़ने पर आशीष तिवारी और उसके साथियों ने रात्रि लगभग 10 बजे ओमप्रकाश का गला दबाकर हत्या कर दी. 

31 मई की रात्रि लगभग 11:30 को ही डेडबॉडी को छिपाने के लिए बोरे में भरकर स्कूटी के सामने डालकर भिलाई 3 स्थित मुरुम खदान से बने तालाब में स्कूटी में बांध कर फेंक दिया, ताकि पता न चल सके. फिर सभी आरोपी वापस घर चले गए. डेडबॉडी को पानी में फेंकने से पहले आरोपियों ने ओमप्रकाश का मोबाइल रख लिया था और अगले 1 जून की सुबह आरोपियो ने मृतक ओमप्रकाश की पत्नी को फोन कर पैसे की मांग की. ओमप्रकाश के मोबाइल से फोन आने की सूचना ओम प्रकाश की पत्नी ने पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस ने जांच टीम बनाकर विवेचना शुरु की कॉल डिटेल खंगाले गए कॉल डिटेल खंगाले पर पुलिस को संबंधित इलाके का लोकेशन मिला लोकेशन को ध्यान में रखते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया. जिसकी विवेचना की जा रही है तो वहीं अन्य आरोपी की तलाश भी जारी है.

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