Prem Mandir of Chhattisgarh: यूं तो मंदिर या कोई भी धार्मिक स्थल पूजा -पाठ और अपनी मान्यताओं को लिए जाना जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ का ये मंदिर पूजा -पाठ से ज्यादा प्रेम विवाह के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर में हर साल 1700 से ज्यादा शादियां होती हैं. 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे पर इस मंदिर में प्रेमी जोड़े की भीड़ लगी रहती है. चलिए जानते हैं आखिर क्यों पूजा-पाठ से ज्यादा प्रेम विवाह है यहां प्रसिद्ध.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसा मंदिर है जो पूजा -पाठ कराने से ज्यादा प्रेम विवाह कराने के लिए चर्चा में रहता है. बताया जाता है कि यहां हर साल 1700 से भी ज्यादा शादियां होती हैं.
रायपुर के बैजनाथ पारा स्थित यह प्रेम मंदिर प्रेमी जोड़े के विवाह का गवाह है. वैलेंटाइन डे पर इस मंदिर में प्रेमी जोड़े की भीड़ लगी रहती है. आपको जान कर हैरानी होगी की प्रेम विवाह के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर का उद्घाटन स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय ने किया था.
प्रेम मंदिर के नाम से जाना जाने वाले इस मंदिर का असली नाम आर्य समाज मंदिर है. 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन ये मंदिर प्रेमी जोड़ों से गुलजार रहता है.
इस मंदिर में शादी पूरे रीती- रिवाज के साथ होती है. इस मंदिर को उन प्रमियों के लिए उम्मीद की किरण बोलते हैं जो परिवार और सामज के डर से अपने प्यार को खोना नहीं चाहते हैं. प्रमी जोड़े को जब कोई रास्ता नहीं दिखता तो वे इस मंदिर में अपनी शादी संपन्न करते हैं.
मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ 5500 रूपये के साथ विवाह संपन्न किया जाता है. कन्या दान से लेकर मंगलसूत्र, सिंदूर लगाने जैसे रिवाजों के साथ विवाह को पूरा किया जाता है. विवाह संपन्न होने के बाद वर और वधु को सर्टिफिकेट भी दिया जाता है.
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि प्रेम मंदिर में शादी करने आए लड़के और लड़की की पहले उम्र देखी जाती है. शादी करने के लिए लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल पूरी होनी चाहिए. उम्र की पुष्टि करने के लिए विवाह समिति के अधिकारी मार्कशीट, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट से विवाह कराने की राय रखते हैं.
विवाह संपन्न कराने के लिए तीन गवाह का होना जरूरी होता है. उनकी उपस्थिति होने पर ही मंदिर में प्रमी जोड़े का विवाह कराया जाता है.
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