Chhattisgarh News: डीएमएफ फंड घोटाले को लेकर एक बार फिर छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो यानि ACB एक्टिव हो गई है. आइये जानें आखिर ये पूरा मामला है क्या ?
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो यानि ACB एक्टिव हो गयी है. ACB ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड यानि DMF में घोटाले में FIR के साथ जांच शुरू कर दी है. छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जहां खनिज की प्रचूर मात्रा है इसलिए यहां माइंस की भरमार हैं. इसके एक छोटी सी राशि राज्य सरकार के खजाने में जाती है जो अलग-अलग जिलों में निर्धारित विकास कार्यों के लिए खर्च होती है. इन्हीं पैसों पर लूटमार के आरोप है, जिसके संबंध में सरकार की ओर से कागज जारी किए गए हैं.
सरकार ने जारी किया कागज
कागज जारी कर डीएमएफ घोटाले के बारे में पूरी जानकारी सरकार ने जनता को दी है. बताया गया है कि अलग-अलग जिलों में DMF फंड के पैसों का बंदरबाट हुआ है. इस घोटाले के प्रमाण कोरबा में मिले हैं और कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू इसी मामले में जेल में बंद हैं. आइए पहले समझते हैं DMF है क्या ?
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क्या है DMF ?
- DMF मतलब जिला खनिज फाउंडेशन
- खनन कंपनी से मिली रॉयल्टी का एक हिस्सा
- खनन प्रभावित क्षेत्रों में DMF फंड से होता है विकास
- देशभर के 21 राज्यों के 571 जिलों में DMF
- खनन प्रभावित इलाकों को लोगों के हित के लिए उपयोग
कैसे हुआ है DMF घोटाला
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है DMF जो खदान प्रभावितों के हितों में खर्च होना चाहिए. लेकिन, इस फंड में खुला खेल फर्रुखाबादी चला है. आइए सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर आपको बताते हैं छत्तीसगढ़ में कैसे हुआ है DMF घोटाला
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- कोरबा DMF फंड से गलत तरीके से टेंडर हुआ
- टेंडर राशि का 40% हिस्सा अधिकारी-कर्मचारी की जेब में
- टेंडर जारी करने के बदले निजी कंपनी ने लिया 15-20% कमीशन
- कमीशनखोरी के चक्कर में सरकारी खजाने को हुआ घाटा
पुरानी है इस मामले में सियासत
कमीशनखोरी के खेल में ऊपर से लेकर नीचे तक के अफसर शामिल रहे जिनके खिलाफ ACB ने FIR दर्ज की है. बकायदा नाम भी जारी किए हैं. DMF फंड पर हंगामा कोई आज की बात नहीं है इसकी शुरुआत विधानसभा में हुई थी जब तत्कालीन PCC चीफ और पूर्व मंत्री मोहन मरकाम में घोटाले की आशंका जताकर सवाल पूछा था. जिसके बाद राज्य में ED ने DMF फंड के पत्ते खोलने शुरू किए. आज ACB भी एक्टिव है और सियासत भी.
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जांच का है मामला
सियासत से परे मामला जांच का है. मामला जनता के हित के पैसे लूटने का है. ED की कार्रवाई तो चल ही रही है. लेकिन, ACB कितनी फुर्ती दिखाएगी ये देखना होगा. अब देखना होगा की जांच में क्या निकलकर आता है और अदालत किससे रिकवरी करती है और सजा किसे सुनाती है.
रायपुर से Zee Media के लिए तृप्ति सोनी की रिपोर्ट