Lawrence Bishnoi: 31 साल की उम्र में लॉरेंस बिश्नोई पूरे देश में खौफ का दूसरा नाम बन चुका है. पंजाब, दिल्ली और अब मुंबई तक उसके आपराधिक नेटवर्क का जाल फैल चुका है. 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई गैंगस्टर देशव्यापी दहशत फैला रहा है.
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Bishnoi Gang 2025 Hitlist: इधर नए साल की शुरुआत के साथ ही देशभर में जश्न का माहौल है. उधर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपने आपराधिक साम्राज्य को और मजबूत करने की योजना बनाई है. जेल में बंद बिश्नोई ने 2025 के लिए अपनी गैंग की जूनियर विंग बनाने का संकल्प लिया है. गैंग की नई ब्रिगेड की कमान सूर्य प्रताप उर्फ नोनी और अनमोल बिश्नोई के हाथों में होगी. सूत्रों के अनुसार गैंग देशभर में 1000 नए शूटरों की भर्ती करने की तैयारी कर रहा है, जिसकी जिम्मेदारी रोहित गोदारा को दी गई है.
अत्याधुनिक हथियार और नई रणनीति
दरअसल, जानकारी सामने आई है कि लॉरेंस गैंग के सदस्यों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने और दहशत फैलाने के लिए हैंड ग्रेनेड का भी प्रबंध किया गया है. लॉरेंस ने 2025 के लिए एक नई हिटलिस्ट तैयार की है, जिसमें खालिस्तान समर्थकों, डी कंपनी के मददगारों और पंजाबी सिंगरों को निशाना बनाया जाएगा. इस हिटलिस्ट के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी लॉरेंस ने अपने खास साथी गोल्डी बराड़ को सौंपी है.
देशभर में दहशत का नाम लॉरेंस
31 साल की उम्र में लॉरेंस बिश्नोई पूरे देश में खौफ का दूसरा नाम बन चुका है. पंजाब, दिल्ली और अब मुंबई तक उसके आपराधिक नेटवर्क का जाल फैल चुका है. 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई गैंगस्टर देशव्यापी दहशत फैला रहा है. सवाल यह भी है कि साबरमती जेल में बंद रहते हुए लॉरेंस इतना बड़ा ऑपरेशन कैसे चला रहा है.
UAPA और 79 से अधिक केस
लॉरेंस बिश्नोई पर UAPA जैसी संगीन धारा के तहत केस दर्ज है और उसके खिलाफ 79 से अधिक मामले चल रहे हैं. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, 2025 तक किसी अन्य राज्य की पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ नहीं कर सकती. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद चर्चा में आए इस गैंगस्टर ने आपराधिक दुनिया में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है.
छात्र नेता से गैंगस्टर तक का सफर
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फाजिल्का जिले के दुतारावली गांव में हुआ था. साल 2007 में उसने पंजाब यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया, लेकिन 2008 में अपने दोस्त रॉबिन बराड़ की हत्या के बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. आज वह जेल में रहते हुए भी अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा है और देशभर में खौफ का माहौल बना चुका है. इनपुट- जी टीवी