Kharge on JNU: खरगे ने अपने अंदाज में कहा कि हम तो म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़े हैं, वे जेएनयू में पढ़े हैं. उनकी अंग्रेजी अच्छी हो सकती है लेकिन करतूत अच्छी नहीं. उन्होंने यह तंज निर्मला सीतारमण पर कसा क्योंकि बीजेपी नेता लगातार अपने भाषण नेहरू को टारगेट कर रहे हैं.
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Kharge speech in Rajya Sabha: राज्यसभा में संविधान पर हो रही चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने तंज और ऐतिहासिक संदर्भों से सरकार पर तीखे प्रहार किए. उन्होंने जेएनयू, नेहरू और इंदिरा गांधी का उल्लेख करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया. खरगे ने कहा कि संविधान को बचाने के लिए सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि इसकी मौलिकता और उद्देश्य पर खतरा मंडरा रहा है. इसी बीच उन्होंने जेएनयू का कुछ ऐसा जिक्र किया कि जोरदार ठहाके लगे. उन्होंने यह तंज निर्मला सीतारमण पर कसा क्योंकि बीजेपी नेता लगातार अपने भाषण नेहरू को टारगेट कर रहे हैं.
असल में खरगे ने इंदिरा गांधी की सरकार के समय बांग्लादेश की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने दुनिया को बता दिया कि अगर हमारे करीब आए तो खैर नहीं. इसके बाद उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि हम तो म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़े हैं, वे जेएनयू में पढ़े हैं. उनकी अंग्रेजी अच्छी हो सकती है लेकिन करतूत अच्छी नहीं. अहमद फ़राज़ की शायरी का सहारा लेते हुए उन्होंने सरकार की नीतियों और फैसलों पर कटाक्ष किया.
संविधान को लेकर खरगे ने कहा जो लोग झंडे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते थे, वे आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं. इतिहास पढ़ें. जब संविधान बना, तब उसे जलाने वाले लोग भी थे. रामलीला मैदान में नेहरू, बाबासाहेब और गांधी के पुतले जलाए गए. यह शर्मनाक है. उन्होंने 2002 में संघ मुख्यालय में कोर्ट के आदेश पर झंडा फहराने की घटना का जिक्र करते हुए कहा इनकी मंशा कब बदलेगी, मालूम नहीं.
खरगे ने नेहरू और जेएनयू का उल्लेख करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पढ़े हुए लोग लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और दुनिया में नाम कमाते हैं. उन्होंने सरकार की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कहा आप बार-बार विचारधारा क्यों बदलते हैं? संविधान सभा के समय से ही संघ ने संविधान का विरोध किया था, क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था.
LIVE: Shri @kharge speaks on the 75th anniversary of the adoption of the Indian Constitution in the Rajya Sabha. https://t.co/EuUsMxgTq9
— Congress (@INCIndia) December 16, 2024
अंत में खरगे ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां संविधान लागू होने के दिन से ही वयस्कों को मतदान का अधिकार दिया गया. उन्होंने संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर का उल्लेख करते हुए कहा इन लोगों ने वयस्क मताधिकार के खिलाफ लिखा था. जो लोग आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं हुए, वे संविधान और आजादी का महत्व नहीं समझ सकते." खरगे की बातों पर ट्रेजरी बेंच ने प्रतिक्रिया देने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी के कई नेता सिर्फ मुस्कुराते नजर आए.