Indian Army in Kashmir: उत्तरी और दक्षिणी पीर पंजाल में मौजूद आतंकियों की पहचान हो चुकी है. इन आंकड़ों में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में कुल 119 आतंकी मौजूद हैं, जिनमें से 95 आतंकी विदेशी आतंकी यानी पाकिस्तानी हैं और सिर्फ 24 स्थानीय यानी कश्मीर के रहने वाले हैं.
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Terrorism in Kashmir: देश में चुनावों का माहौल है. नारेबाजी और वार-पलटवार का दौर जारी है. लेकिन जम्मू कश्मीर में आतंक पर फाइनल स्ट्राइक करने का प्लान तैयार हो चुका है. घाटी में तैनात सुरक्षाबलों और आर्मी इंटेलिजेंस ने तैयार कर ली है वो लिस्ट, जिसका मकसद है आतंकियों का खात्मा.
Zee News को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक उत्तरी और दक्षिणी पीर पंजाल में मौजूद आतंकियों की पहचान हो चुकी है. इन आंकड़ों में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में कुल 119 आतंकी मौजूद हैं, जिनमें से 95 आतंकी विदेशी आतंकी यानी पाकिस्तानी हैं और सिर्फ 24 स्थानीय यानी कश्मीर के रहने वाले हैं.
आतंकवाद से कश्मीरियत की दूरी
ये आंकड़ा बताता है कश्मीर और कश्मीरियत ने आतंकवाद से दूरी बना ली है. कश्मीर में अमन के दुश्मन बने ये पाकिस्तानी आतंकी कहां छिपे हैं और किस तरह इस साल आतंक पर बड़ा प्रहार किया गया है चलिए जानते हैं.
कश्मीर की गलियों से लेकर LoC की ऊंची पहाड़ियों तक, जहां-जहां अमन के दुश्मन आतंकी छिपे हैं. हर उस जगह अब आतंक रूपी नाग का फन कुचला जा रहा है.
कश्मीर में आतंकी मौजूदगी को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसमें एक नया तथ्य सामने आया है. ये जानकारी बताती है कि अब सुरक्षाबलों के नॉन स्टॉप एक्शन की वजह से आतंकी पीर पंजाल के दक्षिणी हिस्से यानी जम्मू की तरफ भी जा रहे हैं.
पीर पंजाल में 79 एक्टिव आतंकी
अगर पीर पंजाल के उत्तरी हिस्से की बात करें तो यहां 79 आतंकी एक्टिव हैं जिनमें से 61 विदेशी और 18 स्थानीय हैं. जबकि पीर पंजाल के दक्षिणी हिस्से यानी जम्मू संभाग की तरफ 40 आतंकी सक्रिय हैं, जिनमें से 34 पाकिस्तानी और सिर्फ 6 स्थानीय हैं.
हाल ही में गांदरबल और सोनमर्ग में हुए आतंकी हमले भी बताते हैं कि पीर पंजाल के दक्षिणी हिस्सों में आतंकी मौजूदगी बढ़ी है. यही वजह है कि नॉर्थ कश्मीर की LoC की ही तरह अब पीर पंजाल के दक्षिणी हिस्से में भी तैनाती और तैयारी को बढ़ाया जा रहा है.
आतंकवाद को कोस रहे आम कश्मीरी
सिर्फ सुरक्षाबल ही नहीं बल्कि आम कश्मीरी भी अब आतंक के खिलाफ आवाज उठा रहा है. आतंक को कोस रहा है. कश्मीर की इस आवाज का आगाज हुआ था, हिलाल बट की शहादत से.
फिर गांदरबल में हुए कायराना आतंकी हमले के जवाब में कश्मीर की गलियों में कैंडल मार्च निकले और अब श्रीनगर ग्रेनेड हमले में मारी गई आबिदा लोन के लिए लोगों ने अपनी आवाज बुलंद कर दी है.
किसी भी शहर या देश की सूरत तब बदलती है, जब अवाम हालात बदलने के लिए कमर कस लेती है. यही बदलाव नए कश्मीर में हो रहा है जो बताता है कि घाटी में पाकिस्तानी आतंक का काउंटडाउन शुरू हो चुका है.