Corona Cases: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (WHO) के अनुसार शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस के 6,050 नए मामले दर्ज किए गए और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 28,303 हो गई. भारत में कोविड मामलों में वृद्धि का कारण वायरस के नए उप-स्वरूप XBB.1.16 को जिम्मेदार माना जा रहा है
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Covid 19: वैज्ञानिकों का मानना है कि काेविड के बढ़ते मामलें बड़े संकेत की ओर इशारा कर रहें हैं. समय रहते हम लाेगाें काे सचेत हाे जाने की जरूरत है. कोविड मामलों में वृद्धि सार्स-सीओवी-2 वायरस के भारत में स्थानिक स्थिति की ओर बढ़ने और अन्य कोरोना वायरस की तरह व्यवहार करने का संकेत है, जिनमें सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा होते हैं और वे पुन: संक्रमित करते रहते हैं. इससे बचने के लिए सभी काे काेविड की गाइड लाइल का पालन करना हाेगा.
कई वायरस, कोरोना वायरस की तरह व्यवहार कर रहे हैं
हरियाणा के अशोक विश्वविद्यालय में भौतिकी और जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं डीन गौतम आई मेनन ने कहा कि कोविड-19 देश में प्रभावी रूप से स्थानिक है और वास्तव में हम सभी अब तक एक संक्रमण का सामना कर चुके होंगे, चाहे हम इसे जानते हों या नहीं. कई वायरस, कोरोना वायरस की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जिनमें सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होते हैं और वे हमें फिर से संक्रमित कर सकते हैं. प्रतिरक्षा विज्ञानी सत्यजीत रथ ने कहा कि संक्रमण की वास्तविक भयावहता के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.
6,050 नए मामले दर्ज किए गए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (WHO) के अनुसार शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस के 6,050 नए मामले दर्ज किए गए और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 28,303 हो गई. भारत में कोविड मामलों में वृद्धि का कारण वायरस के नए उप-स्वरूप XBB.1.16 को जिम्मेदार माना जा रहा है जो पिछले कुछ महीनों से भारत में सक्रिय है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि अभी 22 देशों में XBB.1.16 के लगभग 800 अनुक्रम हैं और ज्यादातर अनुक्रम भारत से हैं तथा भारत में XBB.1.16 ने अन्य स्वरूप को बदल दिया है.
ज्यादातर संक्रमण हल्के हैं
मेनन ने कहा कि मौजूदा संकेतों के अनुसार गंभीर मामलों का अंश भी डेल्टा की तुलना में बहुत छोटा दिख रहा है. हैदराबाद के यशोदा अस्पताल के डॉक्टर विश्वेश्वरन बालासुब्रमण्यन ने कहा कि उनके अस्पताल में कोविड के मरीज हैं लेकिन उनकी संख्या कम है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर संक्रमण हल्के हैं और उनका इलाज बाह्य रोगी आधार पर किया जाता है.
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