'मैं भी छत पर जाकर पतंग उड़ाता था...', IMD के 150वें स्थापना दिवस पर क्यों बोले PM मोदी?
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'मैं भी छत पर जाकर पतंग उड़ाता था...', IMD के 150वें स्थापना दिवस पर क्यों बोले PM मोदी?

PM Modi Makar Sankranti: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को IMD के 150वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि आज ही के दिन यानी मकर संक्रांति को 1875 में IMD की स्थापनी हुई थी. यह मेरा पसंदीदा त्योहार है और मैं भी इस दिन अन्य लोगों की तरह पतंग उड़ाता था. 

'मैं भी छत पर जाकर पतंग उड़ाता था...', IMD के 150वें स्थापना दिवस पर क्यों बोले PM मोदी?

Pm Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के मौके पर देश को हर मौसम और जलवायु का सामना करने के लिए 'स्मार्ट राष्ट्र' बनाने के मकसद से 'मिशन मौसम' की शुरुआत की. भारत मंडपम में आयोजित समारोह में शामिल होकर पीएम मोदी ने IMD के 150वें स्थापना दिवस पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया. बाद में संबोधन के दौरान उन्होंने मकर संक्राति का जिक्र किया और बताया कि वो भी आज के दिन पतंग उड़ाया करते थे.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा,'आज हम भारतीय मौसम विभाग यानी IMD के 150 वर्ष का जश्न मना रहे हैं. यह सिर्फ भारतीय मौसम विभाग की यात्रा नहीं है, यह हमारे भारत में आधुनिक विज्ञान और टेक्नोलॉजी की भी यात्रा है.' उन्होंने कहा कि आईएमडी ने न सिर्फ करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक यात्रा का भी प्रतीक बना है. उन्होंने आगे कहा,'इसीलिए पिछले 10 वर्षों में IMD की अवसंरचना और टेक्नोलॉजी का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है.'

पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु का सामना करने के लिए भारत एक 'स्मार्ट राष्ट्र' बने, इसके लिए हमने ‘मिशन मौसम’ भी शुरू किया है. उन्होंने कहा,'मिशन मौसम टिकाऊ भविष्य और भविष्य की तैयारियों को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है' 'मिशन मौसम' का टार्गेट अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और सिस्टम तैयार करके, हाई-रिज़ॉल्यूशन एटमॉस्फेयर ऑब्जर्वेशन, अगली पीढ़ी के रडार, सेटेलाइट्स और हाई परफॉर्मेंस वाले कंप्यूटर्स की मदद से उच्‍च स्‍तरीय क्षमता को हासिल करना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बेहतर बनाने, वायु गुणवत्ता डेटा प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा जो लंबे समय में मौसम प्रबंधन और हस्तक्षेप की रणनीति बनाने में मदद मुहैया करागा. 

भूकंप वॉर्निंग सिस्टम बनाया जाए

मोदी ने कहा,'भूकंप के लिए चेतावनी प्रणाली तैयार करने की जरूरत है और वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को इस दिशा में काम करना चाहिए.' इसके अलावा उन्होंने कहा,'आज हमारी बाढ़ मार्गदर्शन प्रणाली नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित पड़ोसी देशों को भी सूचनाएं दे रही है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत किसी भी आपदा से प्रभावित अपने पड़ोसी देशों को मदद की पेशकश करने वाला पहला राष्ट्र बनकर उभरा है. 

 

मैं भी पतंग उड़ाता था

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा,'1875 में 15 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर IMD की स्थापना की गई थी. हम सभी भारत में मकर संक्रांति के महत्व को जानते हैं. मैं गुजरात से हूं, मेरा पसंदीदा त्योहार मकर संक्रांति था. आज गुजरात के लोग अपनी छतों पर जाते हैं और पतंग उड़ाते हैं. जब भी मैं गुजरात में होता था, मैं भी यही करता था. आज सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और धीरे-धीरे उत्तर की तरफ बढ़ता है, इस प्रक्रिया को 'उत्तरायण' कहा जाता है.

सोनमर्ग दौरे का किया जिक्र

पीएम ने कहा,'कल मैं सोनमर्ग में था, पहले तो कार्यक्रम पहले से तय था लेकिन IMD से सारी जानकारी लेने के बाद पता चला कि वो समय मेरे लिए उपयुक्त नहीं है. फिर मौसम विभाग ने मुझे बताया कि 13 जनवरी ठीक है. कल मैं वहां गया, तापमान -6 डिग्री सेल्सियस था लेकिन जब तक मैं वहां था, एक भी बादल नहीं था. मौसम विभाग की जानकारी की वजह से मैं आसानी से समय पर कार्यक्रम पूरा करके वापस आ गया. हमारी मौसम संबंधी प्रगति की वजह से हमारी आपदा प्रबंधन क्षमता का निर्माण हुआ है. इसका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है. आज हमारा फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका को भी जानकारी दे रहा है.'

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