Omar Abdullah: उमर ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है. उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने का वादा निभाने की अपील की.
Trending Photos
Two Power Centre: जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की भले ही वापसी हो गई है लेकिन ऐसा लगता है की वहां की चुनी हुई सरकार अभी बहुत खुश नहीं है. इसका कारण भी सको पता है. इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर गुरुवार को राज्य के शासन में ‘हाइब्रिड मॉडल’ की परोक्ष रूप से आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सत्ता के दो केंद्रों वाला मॉडल किसी के लिए फायदेमंद नहीं है और इससे शासन में बाधाएं उत्पन्न होती हैं. उमर ने यह बात जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच शक्तियों के विभाजन के संदर्भ में कही.
असल में उन्होंने कहा कि यदि शासन में सत्ता के दो केंद्र प्रभावी होते, तो इसे अन्य जगहों पर भी अपनाया गया होता. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राजभवन के साथ उनका कोई टकराव नहीं है, लेकिन कुछ मुद्दों पर मतभेद अवश्य हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि शासन प्रणाली को सरल और एकीकृत बनाना जरूरी है ताकि तंत्र बेहतर तरीके से काम कर सके.
उमर ने यह भी कहा कि सरकार के कामकाज के संबंध में सभी नियम उचित विचार-विमर्श के बाद तैयार किए जाएंगे और उन्हें उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा. उन्होंने यह संदेश भी दिया कि लोग अपने मुद्दे हल करवाने के लिए राजभवन, स्थानीय विधायकों और अधिकारियों से संपर्क करें. उन्होंने कहा कि वह जनता को किसी भी मंच से दूर रहने के लिए नहीं कहेंगे.
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है. उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने का वादा निभाने की अपील की. उमर ने उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनावों में जनता की भागीदारी से राज्य के हालात में सुधार होगा और विकास की प्रक्रिया को गति मिलेगी.