History: आज ही के दिन सरदार पटेल ने दुनिया को कहा अलविदा, पढ़िए 15 दिसंबर का इतिहास
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History: आज ही के दिन सरदार पटेल ने दुनिया को कहा अलविदा, पढ़िए 15 दिसंबर का इतिहास

History of 15th December: इतिहास में 15 दिसंबर का दिन भी अहम घटनाओं से भरा पड़ा है. इस दिन भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल भी इस दुनिया को अलविदा कहकर गए थे. इस खबर में जानिए 15 दिसंबर से जुड़ी अन्य घटनाएं

History: आज ही के दिन सरदार पटेल ने दुनिया को कहा अलविदा, पढ़िए 15 दिसंबर का इतिहास

इतिहास में 15 दिसंबर की तारीख देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के रूप में दर्ज है. 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में एक किसान परिवार में पैदा हुए पटेल को उनकी कूटनीतिक क्षमताओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा. देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल ने आज़ादी के बाद देश के नक्शे को मौजूदा स्वरूप देने में अमूल्य योगदान दिया. भारत रत्न से सम्मानित सरदार पटेल ने 15 दिसंबर 1950 को अंतिम सांस ली. देश की एकता में उनके योगदान के सम्मान में गुजरात में नर्मदा नदी के करीब उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है. 

देश दुनिया के इतिहास में 15 दिसंबर की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं 

1749: शिवाजी महाराज के पोते साहू जी का निधन. 
1803: भोंसले और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई देवगांव संधि के तहत उड़ीसा और कटक कंपनी के शासन के अधीन हुए.
1950: भारत रत्न से सम्मानित देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का निधन. 
1950: योजना आयोग की स्थापना हुई.
1953: भारत की एस विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र महासभा के आठवें सत्र की अध्यक्ष चुनी गईं. इस पद पर पहुंची वह पहली महिला थीं. 
1965: बांग्लादेश में गंगा नदी के तट पर आये चक्रवात में करीब 15,000 लोगों की जान गई. 
1976: भारत के मशहूर फुटबाल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया का सिक्किम में जन्म. 
1982: स्पेन ने जिब्राल्टर की सीमा को खोल दिया. स्पेन की नई सोशलिस्ट सरकार ने मानवीय आधार पर आधी रात को यह दरवाजे खोलकर स्पेन और जिब्राल्टर के लोगों के बीच की दीवार को खत्म कर दिया.
1991: मशहूर फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को सिनेमा की दुनिया में उनके अहम योगदान के लिए ‘स्पेशल ऑस्कर’ सम्मान दिया गया. 
1997: जैनेट रोसेनबर्ग जैगन गुयाना की राष्ट्रपति चुनी गईं. वह देश की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति होने के साथ ही गुयाना की पहली श्वेत राष्ट्रपति थीं. 
1997: अरुंधति रॉय ने ‘बुकर पुरस्कार’ जीता. उन्हें उनके उपन्यास ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार के लिए चुना गया.
2001: पीसा की झुकी मीनार को 10 वर्ष बाद फिर से खोला गया. दरअसल इस इमारत के ढांचे को ठीक और मजबूत करने के लिए इसे बंद कर दिया गया था. 
2011: इराक युद्ध का औपचारिक अंत. अमेरिका ने देश में अपना अभियान समाप्त करने का ऐलान किया.

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