IAS Sanjeev Hans: सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस के ठिकाने पर एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की है. जानें क्या है आईएएस संजीव हंस पर आरोप, क्यों हो रही छापेमारी. जानें पूरा मामला.
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Bihar News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की ओर से यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की जा रही है. आईएएस संजीव हंस के पटना और दिल्ली स्थित ठिकानों पर ईडी की छापेमारी जारी है. ईडी की विभिन्न टीमों ने संजीव हंस के तीन ठिकानों पर एक साथ रेड डाली. जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले ही संजीव हंस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया था.
जांच के दौरान ईडी को संजीव हंस की पत्नी और उनके कई रिश्तेदारों के खिलाफ भी ठोस सबूत मिले हैं. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी तेजी से कार्रवाई कर रही है. संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी की टीम दस्तावेज खंगालने के साथ-साथ संपत्तियों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की तलाशी ले रही है. छापेमारी के दौरान किसी भी व्यक्ति को घर के अंदर या बाहर जाने की इजाजत नहीं है.
जानें क्या है पूरा मामला?
आपको बताते चलें, ईडी की ओर से आईएएस संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी का यह पहला मामला नहीं है. ईडी की टीम ने आईएएस और उनके करीबियों के ठिकानों पर पिछले महीने भी छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान ईडी को भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण और नकदी मिला था.
70 लाख रुपए की बेशकीमती घड़ियां
ईडी ने बताया कि संजीव हंस के खिलाफ ये पहली कार्रवाई नहीं है. इससे पहले भी जुलाई और अगस्त महीने में पटना, दिल्ली, पूणे, हरियाणा और पंजाब में उनके ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है. इस दौरान करीब 80 लाख रुपए के सोने के जेवरात और 70 लाख रुपए की बेशकीमती घड़ियां बरामद हुई थीं.
कौन हैं IAS संजीव हंस?आईएएस अधिकारी संजीव हंस ऊर्जा विभाग में एक पावर कंपनी के प्रधान सचिव रह चुके हैं. उन पर पद का दुरुपयोग कर काली कमाई करने का आरोप है.