Weather: तेज धूप और बढ़ते तापमान से हो सकता है फसलों को नुकसान
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Weather: तेज धूप और बढ़ते तापमान से हो सकता है फसलों को नुकसान

चरखी दादरी जिले में पिछले तीन-चार दिनों से दिन के समय तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में तापमान लगभग 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. यह वृद्धि किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इससे फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है.

Weather: तेज धूप और बढ़ते तापमान से हो सकता है फसलों को नुकसान

Haryana News: चरखी दादरी जिले में पिछले तीन-चार दिनों से दिन के समय तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में तापमान लगभग 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. यह वृद्धि किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इससे फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ते तापमान का प्रतिकूल प्रभाव फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन पर पड़ सकता है.

बढ़ते तापमान से सरसों के फूलों को हो सकता है नुकसान 
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि सरसों की फसल इस समय फ्लावरिंग स्टेज पर है. तेज धूप और बढ़ते तापमान से सरसों के फूलों को नुकसान हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप फलियां नहीं बनेंगी या फिर छोटी रह जाएंगी. इसी तरह, गेहूं की फसल भी मिल्की स्टेज पर है, और इस पर भी बढ़ते तापमान का नकारात्मक असर पड़ रहा है. ऐसे में किसानों की चिंता और बढ़ गई है. डा. चंद्रभान श्योराण ने सुझाव दिया है कि किसान हल्की सिंचाई करें ताकि खेत में नमी बनी रहे. उन्होंने कहा कि गहरी सिंचाई करने की बजाय दो हल्की सिंचाई करना अधिक फायदेमंद होगा. इससे खेत में नमी बनी रहेगी और तापमान में दो से तीन डिग्री की कमी आएगी, जिससे फसलों को नुकसान कम होगा.

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पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होने की संभावना
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी तीन-चार दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होने की संभावना है. यदि बारिश होती है, तो यह मौसम में परिवर्तन लाएगी और तापमान में गिरावट आएगी, जिससे फसलों को फायदा होगा. यह किसानों के लिए राहत की खबर हो सकती है.

दादरी जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र है, जहां रबी सीजन में मुख्यतः गेहूं और सरसों की खेती की जाती है. इस सीजन में, किसानों ने 1 लाख 55 हजार एकड़ में सरसों और 1 लाख 10 हजार एकड़ में गेहूं की खेती की है. इसके अलावा, 10 हजार एकड़ में अन्य फसलें भी लगाई गई हैं. इस प्रकार, क्षेत्र की कृषि स्थिति और मौसम का प्रभाव किसानों के लिए महत्वपूर्ण है.