फरीदाबाद में AAP को झटका, मेयर पद की प्रत्याशी का नामांकन रद्द, अब 6 उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला
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फरीदाबाद में AAP को झटका, मेयर पद की प्रत्याशी का नामांकन रद्द, अब 6 उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला

Faridabad Mayor Election: फरीदाबाद नगर निगम चुनाव अब और दिलचस्प हो गया है. भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही हैं.

 

फरीदाबाद में AAP को झटका, मेयर पद की प्रत्याशी का नामांकन रद्द, अब 6 उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला

Faridabad Municipal Corporation Election: फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी की मेयर पद की प्रत्याशी डॉ. नीतू मान का नामांकन रद्द कर दिया गया है. चुनाव अधिकारियों ने वोट ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी न होने को इसका कारण बताया है. इस फैसले के खिलाफ उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है. उनके स्थान पर अब निशा दलाल फौजदार को आप की तरफ से मेयर पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है. अब नगर निगम के मेयर पद के लिए छह प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से प्रवीण जोशी, कांग्रेस से लता रानी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से मनसा पासवान, आम आदमी पार्टी से निशा दलाल फौजदार और दो निर्दलीय उम्मीदवार संगीता यादव एवं अंजना शर्मा चुनावी रण में डटे हुए हैं.

नामांकन रद्द होने पर 'आप' ने जताई नाराजगी
डॉ. नीतू मान ने अपने नामांकन रद्द होने को प्रशासनिक मनमानी करार दिया है. उन्होंने कहा कि पहले से ही आशंका थी कि उनके नामांकन को किसी तकनीकी बहाने से रद्द किया जा सकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके सभी दस्तावेज पूरे थे और वोट ट्रांसफर से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई थीं. उनका दावा है कि तीन दिन पहले ही उन्होंने इस मामले में अदालत में याचिका दायर कर दी थी और उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है. आप के नेता इस फैसले को राजनीतिक साजिश बता रहे हैं. उनका आरोप है कि प्रशासन भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और निष्पक्ष चुनाव होने में बाधा डाली जा रही है.

अब किसका दबदबा? विपक्ष की रणनीति क्या?
अब जब आम आदमी पार्टी को झटका लगा है, तो चुनावी समीकरण भी बदलते नजर आ रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस इस स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा के प्रवीण जोशी और कांग्रेस की लता रानी इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी की मनसा पासवान दलित और पिछड़े मतदाताओं को लुभाने में लगी हैं, वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों संगीता यादव और अंजना शर्मा के समर्थक भी माहौल बनाने में जुटे हैं.

कांग्रेस के लिए भी मुश्किलें
इस बार कांग्रेस पहली बार अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि, पार्टी ने सात वार्डों में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. कांग्रेस नेता विजय प्रताप ने स्पष्ट किया कि जिन वार्डों में प्रत्याशी नहीं हैं, वहां दावेदारों की संख्या अधिक थी, जिससे असहमति की स्थिति बनी. पार्टी के इस फैसले ने स्थानीय राजनीति को और दिलचस्प बना दिया है.

चुनाव में नया मोड़!
फरीदाबाद नगर निगम चुनाव अब बेहद रोचक हो गया है. जहां भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस और आप अपने-अपने दावों के साथ मैदान में हैं. आम आदमी पार्टी को मिले झटके के बावजूद, मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है. अब देखना यह है कि अदालत का फैसला क्या होता है और क्या 'आप' अपने गढ़ को बचा पाएगी.

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