Delhi Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे में संगम विहार की पिंकी की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2648216

Delhi Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे में संगम विहार की पिंकी की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

New Delhi Railway Station Stampede: संगम विहार की रहने वाली पिंकी देवी की भगदड़ के दौरान मौत हो गई. पीड़ित परिवार प्रशासन से हादसे की जांच की मांग कर रहा है. 

 

Delhi Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे में संगम विहार की पिंकी की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

Delhi Railway Station: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को हुई भगदड़ ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं. इस दर्दनाक हादसे में संगम विहार की रहने वाली पिंकी देवी (41) की मौत हो गई. पिंकी देवी कुंभ स्नान के लिए परिवार के साथ प्रयागराज जाने वाली थीं, लेकिन सफर शुरू होने से पहले ही उनकी जिंदगी का अंत हो गया.

भाई की आंखों के सामने खो गई बहन
पिंकी देवी के भाई संजय कुमार ने हादसे की कहानी सुनाते हुए कहा कि हम 12 लोग मिलकर कुंभ स्नान के लिए स्टेशन पहुंचे थे. सीढ़ियों से उतर ही रहे थे कि अचानक भीड़ उमड़ पड़ी और भगदड़ मच गई. चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था. मैंने किसी तरह अपनी बेटी और पत्नी को भीड़ से बाहर निकाला, लेकिन मेरी बहन पिंकी पीछे फंस गई. जब हमने उसे खोजा तो वह बेहोश पड़ी थी. हम उसे लेकर तुरंत अस्पताल भागे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
संजय कुमार ने प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हादसे के वक्त स्टेशन पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. ना ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था थी. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने समय पर सुरक्षा के इंतजाम किए होते, तो मेरी बहन आज हमारे साथ होती.

मां के बिना बेसहारा हुए बच्चे
पिंकी देवी के परिवार में अब सिर्फ उनकी यादें बची हैं. उनकी दो छोटी बच्चियां हैं, जो अब मां के बिना अनाथ हो गई हैं. संजय कुमार ने सरकार से मांग की कि उनकी बहन के बच्चों की पूरी जिम्मेदारी ली जाए. उन्होंने कहा कि ये मासूम बच्चे अपनी मां को खो चुके हैं. सरकार को चाहिए कि उनकी शिक्षा और भविष्य के लिए पूरी मदद करे.

इनपुट- हरि किशोर साह

ये भी पढ़िए-  भगदड़ से मची चीख-पुकार पर गरमाई सियासत, राहुल बोले – कब जागेगी सरकार?