Mothers Day 2023: दिल्ली की मां बनीं लोगों के लिए मिसाल, जानें कैसे कर रहीं लोगों की मदद
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Mothers Day 2023: दिल्ली की मां बनीं लोगों के लिए मिसाल, जानें कैसे कर रहीं लोगों की मदद

Mothers Day 2023 Date: कल मदर्स डे मनाया जाएगा. सभी इस दिन अपनी मां को स्पेशल फिल करवाते हैं और इसी तरह इन बच्चों ने अपनी मां की मिसाल की कहानी सुनाई है. 

Mothers Day 2023: दिल्ली की मां बनीं लोगों के लिए मिसाल, जानें कैसे कर रहीं लोगों की मदद

Mothers Day 2023: मां हमेशा अपने घर और बच्चों के लिए कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहती है. इसी कड़ी में एक मां की मिसाल की कहानी उसके बच्चों ने सुनाई. नॉर्थ दिल्ली के केशवनगर में पति के बीमार होने के चलते घर कीआर्थिक स्थिति बिगड़ी गई थी. जिसको संभालने के लिए एक मां ने घर की कमान अपने हाथों में ली. जहां उन्होंने बेची को LLB की पढ़ाई करवार एडवोकेट बनाया और बेटे को वेब डिजाइनर बनाया. वहीं एक मां और है जिन्होंने अपने बच्चे लेने की कहानी सुनाई. आइए जानते हैं इस मां की कहानी 

केशव नगर में रहने वाली एक मां अपने बच्चों की कामयाबी की मिसाल बन चुकी है. मां का नाम अनीता है. अनीता ने अपने चुनौतियों से भरे जीवन में संघर्ष कर अपने बेटे और बेटी को आज उस मुकाम पर खड़ा किया कि कल तक जो लोग इनके परिवार की मदद करने के लिए आगे नहीं आता थे. अब वह लोग अनीता के पास अपनी मदद के लिए आते हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी दीपिका को LLB की पढाई करवाकर एडवोकेट बनाया है. जो अब समाज की भलाई के लिए भी काम कर रही है. अनिता ने अपने इकलौते बेटे को वेब डिजाइनर का कोर्स करवाया है. जीवन में संघर्ष कर अपने बच्चों को आज उस मुकाम पर पहुचाया है की आज जो परिवार फाखो में अपनी जिंदगी बिता रहे था आज वही परिवार समाज की लोगो की भलाई का काम कर रहा है.

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वहीं एक और महिला की कहानी बताते हैं, जो बुराड़ी के कादीपुर की रहने वाली है. इनका नाम नीरज ठाकुर है. यह महिला नि:संतान होने के चलते अपनी जीवन में बहुत उदास थी, लेकिन उन्होंने एक बेटी अपने ही परिवार से गोद ली और आज यह बेटी को इनके पास करीब 13 साल की हो चुकी है. नीरज ठाकुर का कहना है कि उनकी बेटी बड़ी होकर IS, IPS बने, इसलिए ये अपनी बेटी को अच्छी परवरिश देने के लिए आज खुद निजी स्कूल में जॉब करती है. गोद ली बेटी को अपने आपसे भी ज्यादा प्यार करती है. महिला नीरज ठाकुर का कहना है कि जो महिलाएं बच्चे गोदकर सिर्फ अपनी जरूरत यानी सूनापन खत्म करने के लिए लेती है तो वह महिलाए उस बच्चों का भविष्य जरूर बनाएं. जिससे कि गोद लिए बच्चों को ये अहसास न हो कि वो उनकी संतान नहीं है.

अपने जाना कि किस तरीके से अनिता ने अपने पति के बीमार होने के बात अपने बच्चों को आज अच्छे मुकाम पर पहुचाया. वहीं नीरज ठाकुर महिला उन महिलाओं के लिए मिसाल बनी जो लोग निसंतान होने के चलते दूसरे बच्चे को गोद लेते है. उनकी की ठीक तरीके से परवरिश न करके सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करते हैं. 

Input: नसीम अहमद