Delhi Elections Result Date:: 8 फरवरी को वोटों की गिनती के दौरान कुछ सीटों पर सस्पेंस हो सकता है, क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि क्या कोई पार्टी अकेले सत्ता में आएगी या फिर गठबंधन करना पड़ेगा.
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Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों का इंतजार अब समाप्त होने वाला है, क्योंकि कल यानी 8 फरवरी से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी. चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. दिल्ली की राजनीति में यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस बार दिल्ली की सत्ता की चाबी किस पार्टी के हाथ में जाएगी, यह सवाल सबके सामने है.
AAP और BJP के बीच सीधी टक्कर
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में इस बार आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधी टक्कर है. आम आदमी पार्टी, जो पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली में सरकार चला रही है, उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है. दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में सत्ता वापसी की जोरदार कोशिश की है और चुनावी प्रचार के दौरान दिल्ली के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को मुख्य मुद्दा बनाया.
कांग्रेस भी मैदान में है, पर क्या करेगी उलटफेर?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस, जो पिछले कुछ सालों से दिल्ली में विपक्षी दल बनी हुई है, इस चुनाव में भी अपनी वापसी के लिए संघर्ष कर रही है. हालांकि कांग्रेस के उम्मीदवारों और नेताओं के पास उतनी ताकत नहीं दिखी जितनी बीजेपी और AAP के पास थी, लेकिन कांग्रेस ने एक रणनीति के तहत मुस्लिम मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है. पार्टी का कहना है कि दिल्ली की जनता के पास अब बदलाव का मौका है.
दिल्ली की सियासत पर होगी इन मुद्दों की छाप
इस बार के चुनावी प्रचार में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों ने सियासी माहौल को गरमाया।.वायु प्रदूषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और दिल्ली की विकास योजनाएं प्रमुख मुद्दे रहे. AAP ने अपनी सरकार के दौरान किए गए कामों को गिनाया, जबकि बीजेपी ने अपने विकास मॉडल और मोदी सरकार की योजनाओं को मुख्य आधार बनाया.
काउंटिंग के दौरान क्या हो सकती है तस्वीर?
8 फरवरी को काउंटिंग के दौरान कुछ सीटों पर सस्पेंस हो सकता है, क्योंकि एग्जिट पोल के परिणामों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत की स्थिति में नहीं दिखाया गया है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोई पार्टी अकेले सत्ता में आ सकती है या फिर गठबंधन के रास्ते पर जाना पड़ेगा. कल सुबह से शुरू होने वाली वोटों की गिनती से दिल्ली के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा और यह तय होगा कि इस बार सत्ता की चाबी किस पार्टी के हाथ में होगी.
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