Delhi Election 2025 : पूर्व PM मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने किया मतदान
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Delhi Election 2025 : पूर्व PM मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने किया मतदान

Manmohan Singh wife Gursharan Kaur :  इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए चुनाव आयोग की टीम मतदाता से संपर्क करती है और एक तय समय पर मतदान कर्मी उनके घर पहुंचते हैं. फिर, वहां एक अस्थायी मतदान केंद्र बनाया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान चुनाव अधिकारी पहले ही मतदाता को उनके घर आने की जानकारी दे देते हैं. पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है, ताकि मतदान सही और निष्पक्ष तरीके से हो सके.

Delhi Election 2025 : पूर्व PM मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने किया मतदान

Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक विशेष सुविधा के तहत बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर से मतदान का विकल्प उपलब्ध कराया गया है. जिसे इस बार पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने उपयोग किया. 87 वर्षीय गुरशरण कौर का नाम दिल्ली की मतदाता सूची में वरिष्ठ नागरिक श्रेणी (एवीएससी) में अनुपस्थित मतदाता के रूप में दर्ज था और उन्होंने 'वोट फ्रॉम होम' की सुविधा का लाभ उठाते हुए अपना वोट डाला. गुरशरण कौर जिनकी उम्र अब 87 वर्ष है, चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई इस पहल का हिस्सा बनकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदार बनीं. उनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने अपनी पत्नी तरला जोशी के साथ इस विशेष सुविधा का इस्तेमाल किया. मुरली मनोहर जोशी 91 साल के हैं, जबकि उनकी पत्नी 89 वर्ष की हैं. दोनों ने घर पर ही अपनी वोटिंग प्रक्रिया पूरी की, जो चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए लागू की गई सुविधा का हिस्सा है.

चुनाव आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए 'वोट फ्रॉम होम' की सुविधा शुरू की है. इसका मुख्य उद्देश्य उन मतदाताओं को मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करना है, जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं या जिन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई होती है. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए चुनाव आयोग की टीम संबंधित मतदाता से संपर्क करती है और एक निर्धारित समय पर मतदान कर्मचारियों की टीम मतदाता के घर पहुंचकर अस्थायी मतदान केंद्र स्थापित करती है. इस प्रक्रिया के दौरान चुनाव अधिकारियों द्वारा मतदाता के घर आने की पहले ही सूचना दी जाती है और पूरे मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है. यह सुनिश्चित करता है कि मतदान प्रक्रिया सही तरीके से और निष्पक्ष रूप से पूरी हो.

दिल्ली में लोकसभा चुनावों के दौरान भी इस सुविधा का बड़ा लाभ देखा गया था, जहां हजारों बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने घर से मतदान की सुविधा का उपयोग किया. पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 4,774 मतदाताओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया था. पश्चिम दिल्ली, नई दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में मतदाताओं ने घर बैठे वोट डाला, जिससे मतदान में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हुई. इस सुविधा ने न केवल बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने का एक सशक्त रास्ता दिया, बल्कि लोकतंत्र की मजबूत नींव को भी और अधिक मजबूत किया. चुनाव आयोग का यह कदम इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है कि हर नागरिक को अपनी वोटिंग का अधिकार मिल सके, चाहे वह किसी भी स्थिति में क्यों न हो.

इनपुट- एएनआई

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