Delhi Assembly Election 2025: मंगोलपुरी से विधायक बनती रहीं राखी बिड़ला को पार्टी ने इस बार मादीपुर से उम्मीदवार बनाया है. गिरीश सोनी को हटाकर पार्टी ने बिड़ला को टिकट दिया है, लेकिन अब सोनी के इस्तीफे ने राखी बिड़ला के लिए चुनौती बढ़ा दी है.
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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग से पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) में भगदड़ मच गई है. एक साथ पार्टी के 8 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. शुक्रवार शाम को जहां एक के बाद एक सात विधायकों ने आप से इस्तीफा दे दिया, वहीं रात करीब 10 बजे मादीपुर सीट से विधायक और दलित नेता गिरीश सोनी ने भी पार्टी से नाता तोड़ लिया.
मादीपुर से विधायक गिरीश सोनी ने दिया इस्तीफा
आम आदमी पार्टी ने पांच फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए अपने 16 मौजूदा विधायकों की जगह नए चेहरे उतारे हैं. मंगोलपुरी से विधायक बनती रहीं राखी बिड़ला को पार्टी ने इस बार मादीपुर से उम्मीदवार बनाया है. गिरीश सोनी को हटाकर पार्टी ने बिड़ला को टिकट दिया है, लेकिन अब सोनी के इस्तीफे ने राखी बिड़ला के लिए चुनौती बढ़ा दी है.
इन विधायकों ने दिया AAP से इस्तीफा
अब तक कई विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. कस्तूरबा नगर से मौजूदा विधायक मदन लाल ने शुक्रवार को विधायकी और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इसके अलावा, पालम सीट से विधायक भावना गौड़, महरौली से विधायक नरेश यादव, त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित मेहरौलिया, आदर्श नगर से पवन शर्मा, बिजवासन से विधायक बी एस जून और जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने भी आप से इस्तीफा दे दिया है.
AAP क्यों नहीं दिया इस्तीफा देने वाले विधायकों को टिकट
विधायकों के इस्तीफे पर आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे से पता चला है कि ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के लिए उपलब्ध नहीं थे. इसीलिए उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिया गया. गुप्ता ने कहा, 'हमने सर्वे के नतीजों के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया. टिकट नहीं मिलने के बाद अब वे दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, यह कोई बड़ी बात नहीं है. यह राजनीति का हिस्सा है.
इन विधायकों के इस्तीफे को आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. भले ही पार्टी ने इन विधायकों का टिकट काट दिया था, लेकिन ये लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए थे. इस्तीफा देने वाले नेताओं में कई एक से अधिक बार के विधायक हैं और क्षेत्र में इनका एक जनाधार भी है. ऐसे में इन विधायकों के इस्तीफे से चुनाव में मुकाबला और रोचक हो गया है.