Rekha Gupta Political Career : 2007 में रेखा गुप्ता उत्तरी पीतमपुरा से नगर निगम पार्षद बनीं. पार्षद के रूप में उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं. इनमें से 'सुमेधा योजना' काफी चर्चित रही, जिसके तहत गरीब परिवारों की छात्राओं को उच्च शिक्षा में मदद दी गई.
Trending Photos
Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली के शालीमार बाग की गलियों से निकलकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में कदम रखते हुए और फिर दिल्ली की मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने वाली रेखा गुप्ता की यह यात्रा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि उनकी संघर्षशीलता और समर्पण को भी दर्शाती है. रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. आइए जानते है रेखा गुप्ता का कॉलेज से राजनीति तक का सफर कैसा रहा.
कॉलेज से राजनीति तक का सफर
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि 1992 का वर्ष था जब दौलत राम कॉलेज की एक युवा छात्रा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जरिए छात्र राजनीति में कदम रखा. रेखा गुप्ता का नेतृत्व कौशल जल्द ही पहचान में आ गया और 1996-97 में उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष चुना गया. इस दौरान उन्होंने छात्रों की समस्याओं को मजबूती से उठाया और उनकी आवाज बनीं.
नगर निगम से विधायक तक
राजनीति में जमीनी स्तर पर काम करने का उनका संकल्प 2007 में उन्हें उत्तरी पीतमपुरा से नगर निगम पार्षद बना गया. पार्षद के रूप में उन्होंने महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाईं, जिनमें से 'सुमेधा योजना' काफी चर्चित रही. इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा में मदद दी गई. उनके प्रयासों ने उन्हें दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी जगह मिली.
मुख्यमंत्री बनने की राह
पार्षद के रूप में 15 वर्षों के अनुभव के बाद 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्हें शालीमार बाग से टिकट मिला. पहली बार विधायक बनने के बाद ही पार्टी ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. उनके साथ छह मंत्रियों ने भी पदभार संभाला. वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं.
विकास पर केंद्रित एजेंडा
रेखा गुप्ता का विजन दिल्ली को एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सशक्त राजधानी बनाना है. महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार सृजन और आधारभूत संरचनाओं के विकास को उन्होंने अपनी प्राथमिकता बताया है. सीएम बनने के बाद उनका पहला कदम झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के लिए आवास योजना को तेज करना और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाना रहा. रेखा गुप्ता की यह यात्रा दिखाती है कि राजनीति में अगर ईमानदारी, संघर्ष और समाज सेवा की भावना हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है.