Military Literature Festival: जमीन से ऊपर और अंदर दुश्मन के हर हमले को नाकाम करेगा अर्जुन टैंक
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Military Literature Festival: जमीन से ऊपर और अंदर दुश्मन के हर हमले को नाकाम करेगा अर्जुन टैंक

चंडीगढ़ में दो साल बाद सुखना लेक पर मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल शुरू हुआ है. इस दौरान भारतीय सेना के इतिहास को लेकर विभिन्न पैनल डिस्कशन होंगे. कार्यक्रम के अनुसार 3 दिसंबर को सुबह यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध पर मंथन होगा. 

Military Literature Festival: जमीन से ऊपर और अंदर दुश्मन के हर हमले को नाकाम करेगा अर्जुन टैंक

चंडीगढ़ : सुखना लेक पर आज दो दिवसीय मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत हुई. इसमें सेना ने अपने हथियारों जैसे मशीनगन, राइफल, टैंक, तोपों और सेना से जुड़ी तस्वीरें और किताबों आदि को प्रदर्शित किया गया. इस बार इस फेस्टिवल में तमाम हथियारों के साथ सेना के सबसे आधुनिक टी 90 टैंक की ताकत का भी प्रदर्शन किया गया.इसका वजन 40 टन से ज्यादा है.

यह 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है और कई किलोमीटर दूर तक दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकता है. इसके अलावा सर्वत्र ब्रिज, रडार, इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल, टी 72 अर्जुन टैंक की खूबियों ने वहां मौजूद दर्शकों के दिल में देशप्रेम के प्रति जोश भरा. 

अर्जुन टैंक जहां एक और दुश्मनों का जवाब देने में सक्षम है, वहीं यह जमीन के नीचे बिछाई गई लैंडमाइंस को भी तबाह कर सकता है, जिससे पीछे आ रहे सेना के वाहन और टैंकों को बचाया जा सकता है. इस प्रदर्शनी में अत्याधुनिक रडार को भी प्रदर्शित किया गया है जो आसमान में दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को डिटेक्ट कर सकता है ताकि सेना उन्हें हवा में ही खत्म कर सके.

कोरोना काल के चलते दो साल से इस फेस्टिवल का आयोजन नहीं किया गया था. मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत 2017 में की गई थी. फेस्टिवल के औपचारिक उद्घाटन के लिए पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को आमंत्रित किया गया.

इस मौके पर सेना के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद रहे. फेस्टिवल के दौरान भारतीय सेना के इतिहास को लेकर विभिन्न पैनल डिस्कशन होंगे. कार्यक्रम के अनुसार 3 दिसंबर को सुबह यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध पर मंथन होगा.