Haryana News: हरियाणा सचिवालय में मधुमक्खियों का हमला, कपड़े ओढ़कर कर जमीन पर बैठे कर्मचारी
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2651260

Haryana News: हरियाणा सचिवालय में मधुमक्खियों का हमला, कपड़े ओढ़कर कर जमीन पर बैठे कर्मचारी

Haryana News: मधुमक्खियों के हमले के बाद कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई. कई कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए ऑफिसों में घुस गए. कुछ ने कपड़े ओढ़कर जमीन पर बैठने का प्रयास किया. 

Haryana News: हरियाणा सचिवालय में मधुमक्खियों का हमला, कपड़े ओढ़कर कर जमीन पर बैठे कर्मचारी

Haryana News: हरियाणा सचिवालय में मंगलवार को मधुमक्खियों के हमले से हड़कंप मच गया. इस घटना में दो कर्मचारी घायल हो गए हैं, जिन्हें तुरंत एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया. यह घटना उस समय हुई जब मधुमक्खियों का एक झुंड दोपहर करीब एक बजे सचिवालय में घुस आया. 

कर्मचारियों की जान बचाने की कोशिश
मधुमक्खियों के हमले के बाद कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई. कई कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए ऑफिसों में घुस गए. कुछ ने कपड़े ओढ़कर जमीन पर बैठने का प्रयास किया. इस बीच, गेट पर तैनात CISF के जवानों ने कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया और कपड़ों से मधुमक्खियों को भगाने लगे.  

घायल कर्मचारियों का इलाज
घटना के बाद गंभीर रूप से घायल कर्मचारी को चंडीगढ़ स्थित एमएलए हॉस्टल डिस्पेंसरी में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि वह खतरे से बाहर हैं, हालांकि उनके शरीर में मधुमक्खियों के डंक गहरे लगे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकाला जा रहा है. 

ये भी पढ़ें:  Delhi News: ऑफिस से सरकारी सामान मिला गायब तो रविंद्र नेगी ने सिसोदिया के साथ अखिलेश यादव को भी लपेटा

 

सचिवालय में कार्यरत कर्मचारी
बता दें कि हरियाणा और पंजाब सिविल सचिवालय में लगभग 1000 कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं. यहां रोजाना सुबह 10 बजे ऑफिस खुलते हैं और लंच के दौरान कर्मचारी सचिवालय परिसर में टहलते हैं. कर्मचारी अधिकारी एसोसिएशन ने पहले भी मधुमक्खियों को लेकर शिकायत की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसका खामियाजा मंगलवार को कर्मचारियों को भूगतना पड़ा.  

मधुमक्खियों के काटने से शरीर में कौन सा पॉइजन फैलता है? 
मधुमक्खियों के डंक में मेलिटिन नामक पॉइजन होता है, जो शरीर में दर्द, सूजन और जलन पैदा करता है. अगर किसी व्यक्ति को एलर्जी हो तो यह एनाफिलेक्टिक शॉक का कारण बन सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है.