Haryana News: यमुनानगर में बागवानी कर लाखों कमा रहे किसान, सरकार से की दवाइयों पर सब्सिडी देने की मांग
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Haryana News: यमुनानगर में बागवानी कर लाखों कमा रहे किसान, सरकार से की दवाइयों पर सब्सिडी देने की मांग

Haryana Farmer News: हरियाणा के किसान अब परंपरागत खेती छोड़ आधुनिक खेती करने में लगे हैं. वहीं सरकार द्वारा भी उन्हें प्रोत्साहन भी मिल रहा है. वहीं किसानों ने दवाइयों पर सब्सिडी की मांग की है.

Haryana News: यमुनानगर में बागवानी कर लाखों कमा रहे किसान, सरकार से की दवाइयों पर सब्सिडी देने की मांग

Haryana Farmer: हरियाणा का किसान लगातार प्रगति के पथ पर चल रहा है, जिसको लेकर यमुना नगर के किसान भी अब परंपरागत खेती को छोड़कर दूसरी खेती से लाखों रुपये का मुनाफा कमाने शुरू कर दिया है. यमुनानगर के गांव खजूरी का रहने वाले दिनेश किसान ने बताया कि उनके बुजुर्ग काफी समय से धान और गेहूं की खेती कर रहे थे, लेकिन कोई बचत नहीं हो रही थी. बागवानी की सहायता से उन्होंने देसी खीरा, काली तोरी व घीया को लगाकर लाखों रुपये मुनाफा कमाया है. 

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उन्होंने कहा कि 3 महीने की फसल में ही लाखों का मुनाफा हो जाता है और दूसरी खेती की अपेक्षा इस खेती में पानी भी कम आता है. वहीं पर गेहूं व धान की फसल लगाने पर पानी भी ज्यादा लगता है और उस पर खर्चा भी ज्यादा आता है. इसलिए बागवानी की सहायता से हमने पिछले कई साल से परंपरागत खेती को छोड़कर खीरे, काली तोरी ओर घीया की फसल को लगा रहे हैं.

वहीं पर उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उनको बांसों पर सब्सिडी मिलती है, क्योंकि खेतों में बेल को चढ़ाने के लिए बांस को खेतों में गाड़ कर उस पर रस्सी बांधकर उन पर बेल चढ़ाई जाती है, जिसके बाद उन पर फल लगना शुरू हो जाता है. खेतों में जो भी बांस लगता है उस पर सरकार सब्सिडी देती है और समय-समय पर बागवानी अधिकारी भी यहां पर देखने के लिए आते रहते हैं. बीजों पर भी अलग-अलग तरह की सब्सिडी दी जा रही है, जिसका किसान भरपूर फायदा उठा रहे हैं. अब उनकी फसल यमुनानगर मंडी में ही बिक जाती है और कुछ लोग उनके खेतों से ही खीरा, काली तोरी व घीया लेकर जाते हैं.

किसानों का कहना है कि सरकार को दवाइयों पर भी थोड़ी बहुत सब्सिडी देनी चाहिए. यदि कोई फसल खराब हो जाती है और उसकी नुकसान की भरपाई के लिए कई बार किसान के पास पैसे नहीं होते तो सब्सिडी पर दवाइयां मिल जाए तो ज्यादा बढ़िया होगा.

Input: Kulwant Singh

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