Haryana Government: हरियाणा के राजस्व विभाग के सर्वे के दौरान पता चला कि ये आरोपी पटवारी दलालों के साथ मिलकर जमीन से दस्तावेज तैयार करने के नाम पर मोटा पैसा वसूल रहे थे. विभाग ने इन पर कार्रवाई करने के बाद 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश सभी डीसी को दिया है.
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Corrupt Patwaris: हरियाणा के राजस्व विभाग ने भ्रष्ट पटवारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. विभाग ने सभी जिलों की तहसीलों में कार्यरत भ्रष्ट पटवारियों का पूरा लेखा-जोखा तैयार किया है, जिससे उनकी पहचान की जा सके और उन पर उचित कार्रवाई की जा सके.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी की है. यह सूची विभाग द्वारा तैयार किए गए लेखा-जोखे के आधार पर बनाई गई है, जिसमें सभी जिलों के पटवारियों की जानकारी शामिल है.
भूमि दस्तावेज के लिए वसूल रहे थे पैसा
राजस्व विभाग के सर्वेक्षण से यह स्पष्ट हुआ है कि भ्रष्ट पटवारी जमीन के महत्वपूर्ण कार्यों जैसे कि खाते तकसीम, पैमाईश, इंतकाल, रिकॉर्ड दुरुस्त करना और नक्शा बनवाने के नाम पर भ्रष्टाचार करते हैं. इन कार्यों के दौरान, पटवारी सरकारी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर नागरिकों से अवैध रूप से पैसे वसूलते हैं. इन भ्रष्ट पटवारियों के साथ प्राइवेट व्यक्ति भी जुड़े होते हैं, जो इनके दलाल के तौर पर काम करते हैं. ये दलाल पटवारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के इस नेटवर्क को मजबूत करते हैं, जिससे आम नागरिकों को जमीन संबंधित कार्यों के लिए अतिरिक्त पैसे देने पड़ते हैं.
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कैथल के पटवारी सबसे ज्यादा घूसखोर
हरियाणा के राजस्व विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, पूरे प्रदेश में कुल 370 भ्रष्ट पटवारी पाए गए हैं. कैथल जिले में सबसे ज्यादा 46 भ्रष्ट पटवारी हैं, जिनमें से 7 पटवारियों ने अपने सहायक रखे हुए हैं. सोनीपत में 41 भ्रष्ट पटवारी हैं, जिनमें से 15 ने सहायक रखे हुए हैं. महेंद्रगढ़ में 36 और गुरुग्राम में 26 पटवारी भ्रष्ट पाए गए हैं. यह आंकड़ा विभाग के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. राजस्व विभाग ने सभी जिलों के डीसी से इन पटवारियों पर कार्रवाई कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है.