PM Kisan Yojana 2024: केंद्र सरकार की PM किसान योजना चैटबॉट एक से ज्यादा भाषाओं में मौजूद है. इसके जरिए किसान अपनी भाषा में इस योजना से जुड़ी कोई भी जानकारी के लिए सवाल पूछ सकते हैं. इसके तहत 90 लाख से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत शामिल किया गया. 16वीं किस्त की राशि के साथ 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है.
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PM Kisan Yojana 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार (Central government) ने 2 फरवरी, 2019 को किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) योजना और आम बोलचाल में (पीएम-किसान) योजना के नाम से भी जाना जाता है, जिसे सरकार ने शुरू की थी.
इन उद्देश्यों के लिए लागू की गई थी किसान योजना-
यह योजना देश में किसान परिवारों के लिए सकारात्मक पूरक आय सहायता सुनिश्चित करने और उत्पादक, प्रतिस्पर्धी, विविध, समावेशी और टिकाऊ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. निश्चित रूप से, यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में बदलाव ला रही है जो अब अधिक खुशहाल नजर आते हैं. गौरतलब है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है. योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में 2 हजार रुपये की तीन समान किस्तों में हर साल 6 हजार रुपये का लाभ प्रदान किया जाता है.
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आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करके प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के जरिए लाभ राशि सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है. केंद्र सरकार इस योजना के लिए 100 प्रतिशत धन मुहैया कराती है. योजना की समावेशी प्रकृति को रेखांकित करने वाली बात यह है कि चार लाभार्थियों में से कम से कम एक महिला किसान है. इसके अलावा, 85 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसान इस योजना के तहत लाभार्थी हैं.
मील का पत्थर हुई साबित-
कहने की जरूरत नहीं कि पहले पांच सालों में इस योजना ने कई मील के पत्थर पार किए हैं और अपनी व्यापक दृष्टि, पैमाने और पात्र किसानों के खातों में सीधे धन के निर्बाध हस्तांतरण के लिए विश्व बैंक सहित विभिन्न संगठनों से प्रशंसा प्राप्त की है. अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि पीएम-किसान के तहत लाभ अधिकांश किसानों तक पहुंचा, जिन्हें बिना किसी रिसाव के पूरी राशि प्राप्त हुई.
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उसी अध्ययन के अनुसार, पीएम-किसान के तहत नकद हस्तांतरण प्राप्त करने वाले किसानों द्वारा कृषि उपकरण, बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदने में निवेश करने की अधिक संभावना थी. पीआईबी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि योजना को अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ देशभर के सभी किसानों तक बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के पहुंचे.
पीएम-किसान पोर्टल को UIDAI, PFMS, NPCI और आयकर विभाग के पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है. किसानों को त्वरित सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और अन्य सभी हितधारक पीएम-किसान मंच पर शामिल हैं. जबकि किसान पीएम-किसान पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं और मुद्दों के प्रभावी और समय पर समाधान के लिए 24x7 कॉल सुविधा की मदद ले सकते हैं.
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इन 10 भाषाओं में उपलब्ध है किसान ई-मित्र-
सरकार ने 'किसान ई-मित्र' (एक आवाज-आधारित एआई चैटबॉट) भी विकसित किया है, जो किसानों को वास्तविक समय में अपनी भाषा में सवाल पूछने और उनका समाधान करने में सक्षम बनाता है. किसान-ए-मित्र अब 10 भाषाओं यानी अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, तमिल, बांग्ला, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, तेलुगू और मराठी में उपलब्ध है.
पीएम-किसान योजना से संबंधित ग्राम-स्तर पर किसानों की समस्या के समाधान के लिए देशभर के सभी गांवों में ग्राम-स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। पीएम-किसान योजना के साथ इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के जुड़ने से लाभार्थियों के आधार बैंक खाते बिना किसी परेशानी के उनकी सुविधा और दरवाजे पर खोलने की सुविधा मिली है. हाल ही में, विकसित भारत संकल्प यात्रा के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने पात्र किसानों को पीएम-किसान योजना से संतृप्त करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया.
अभियान के दौरान छह लाख पीवीटीजी किसानों सहित 90 लाख से अधिक पात्र किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत शामिल किया गया. एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना से 16वीं किस्त की राशि के साथ 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है.
(इनपुटः IANS)