Farmer Protest: ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 10 किसान संगठनों ने किया यमुना प्राधिकरण का घेराव
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Farmer Protest: ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 10 किसान संगठनों ने किया यमुना प्राधिकरण का घेराव

Farmer News: ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 10 किसान संगठनों ने जोरदार हल्ला बोलते हुए यमुना प्राधिकरण का घेराव किया. इस आंदोलन का उद्देश्य किसानों की अनदेखी के खिलाफ आवाज उठाना है. वहीं इसंमें महिलाओं ने भी इस महापंचायत में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, 

Farmer Protest: ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 10 किसान संगठनों ने किया यमुना प्राधिकरण का घेराव
 
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 10 किसान संगठनों ने जोरदार हल्ला बोलते हुए यमुना प्राधिकरण का घेराव किया. इस आंदोलन का उद्देश्य किसानों की अनदेखी के खिलाफ आवाज उठाना है. किसान ट्रैक्टर ट्राली और गाड़ियों में सवार होकर डीजे की धुन पर प्राधिकरण पहुंचे और महापंचायत में शामिल हुए.
 
महिलाओं की भागीदारी
महिलाओं ने भी इस महापंचायत में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जो इस आंदोलन की ताकत को दर्शाता है. किसान नेताओं का कहना है कि प्राधिकरण लगातार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है. इसी के चलते 25 नवंबर को किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद धरना शुरू हुआ.
 
आंदोलन का अगला चरण
किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि आज का यह आंदोलन यमुना प्राधिकरण पर जारी रहेगा और 2 मार्च को दिल्ली की ओर कूच किया जाएगा. सतीश कनारसी, एक प्रमुख किसान नेता ने कहा कि प्राधिकरण के खिलाफ यह आंदोलन अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है. इस महापंचायत में 10 से अधिक किसान संगठनों के हजारों किसान शामिल हुए. 
 
 
पांच सूत्रीय मांगें
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण के सामने महापंचायत करने का निर्णय लिया है. उनकी मुख्य मांगों में शामिल हैं: 1. पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा, 2. 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20% प्लॉट, 3. सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ, 4. हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए, और 5. आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए.
 
पुलिस की तैनाती
किसानों के आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स को मौके पर तैनात किया गया है. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि अब आर पार की लड़ाई होगी. या तो प्राधिकरण को उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा या किसान लंबा आंदोलन करेंगे. यह आंदोलन किसानों के हक के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाई बन चुका है.
Input: BHUPESH PRATAP

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