Delhi Air Quality Today: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. इनमें सबसे प्रमुख पराली जलाने का धुआं, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और प्रतिकूल मौसम शामिल हैं.
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Delhi Vayu Pradhushan: दिल्ली में चुनावी माहौल गर्म है, लेकिन इसी बीच वायु प्रदूषण भी लगातार चिंता का विषय बना हुआ है. जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, वैसे-वैसे हवा की गुणवत्ता और खराब होती जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 250 से ज्यादा दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है. हालांकि, दिल्ली के कई इलाके ऐसे है जहां प्रदूषण का स्तर 300 के पार चला गया, जिससे इन क्षेत्रों की हवा 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है.
दिल्ली के इन इलाकों की हवा सबसे ज्यादा जहरीली
राजधानी में सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में आनंद विहार, रोहिणी, द्वारका, नरेला, बवाना, पंजाबी बाग, ओखला, जहांगीरपुरी, आईटीओ और वजीरपुर शामिल हैं. इन सभी इलाकों में AQI 250 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ेंगी.
प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं. इनमें सबसे अहम पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से उठने वाला धुआं है, जो राजधानी की हवा को जहरीला बना रहा है. इसके अलावा सड़कों पर बढ़ते वाहन, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल, औद्योगिक उत्सर्जन और प्रतिकूल मौसम भी प्रदूषण को और गंभीर बना रहे हैं. ठंड के मौसम में हवा की गति धीमी होने से प्रदूषक कण वातावरण में जमा हो जाते हैं, जिससे दिल्लीवासियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है.
स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर
विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा व सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों पर पड़ता है. खराब वायु गुणवत्ता से लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो रही हैं. डॉक्टर्स ने लोगों को सलाह दी है कि वे बिना जरूरी काम के बाहर न निकलें और घर से बाहर जाने पर मास्क का इस्तेमाल करें.
सरकार और प्रशासन की तैयारी
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है, निर्माण कार्यों पर निगरानी रखी जा रही है और औद्योगिक क्षेत्रों में सख्ती बढ़ाई गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक नहीं लगती और दिल्ली में वाहनों की संख्या नियंत्रित नहीं होती, तब तक प्रदूषण से राहत मिलना मुश्किल होगा.
क्या कर सकते हैं आम लोग?
प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को खुद भी सतर्क रहना होगा. मास्क पहनना, घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना, पेड़-पौधे लगाना और कार पूलिंग जैसी आदतें अपनाकर प्रदूषण को कम करने में योगदान दिया जा सकता है. यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली की हवा और जहरीली हो सकती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
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