'यह राष्ट्र विरोधी है...' राहुल के बाद अब ममता बनर्जी ने मोहन भागवत को घेरा
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'यह राष्ट्र विरोधी है...' राहुल के बाद अब ममता बनर्जी ने मोहन भागवत को घेरा

Mamata Banerjee: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान पर जमकर सियासत हो रही है, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए  'राष्ट्र विरोधी' बताया है. 

'यह राष्ट्र विरोधी है...' राहुल के बाद अब ममता बनर्जी ने मोहन भागवत को घेरा

Mamata Banerjee: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. मोहन भागवत ने स्पीच देते हुए कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी. उनके बयान के बाद उनपर जमकर पलटवार हो रहा है, नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी उनके इस बयान को 'देशद्रोह' के जैसा बताया था. अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी उनके बयान की निंदा करते हुए कहा है कि यह 'राष्ट्र विरोधी' है और इतिहास को विकृत करने का प्रयास है.

ममता ने की निंदा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के सदियों तक परचक्र झेलने वाले भारत को “सच्ची स्वतंत्रता” अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन ही मिली थी, वाले बयान की की कड़ी निंदा करते हुए इसे इतिहास को विकृत करने की कोशिश करार दिया. ममता ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में संवाददाताओं से कहा, “यह राष्ट्र-विरोधी है, मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं, यह एक खतरनाक टिप्पणी है, इसे वापस लिया जाना चाहिए, यह इतिहास को विकृत करने का प्रयास है” उन्होंने कहा, “हम अपनी स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम भारत के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इसे बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं.” 

राहुल गांधी कर चुके हैं निंदा 
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते. ‘‘भागवत ने जो कहा है वह देशद्रोह के समान है क्योंकि उनके कहने का मतलब है कि संविधान अवैध है, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अवैध है.

क्या था बयान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी. इस पर कांग्रेस और शिवसेना ने पलटवार किया है. इनपुट- भाषा

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