Delhi CM Oath Ceremony: दिल्ली में रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के शपथग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक 2 बड़े समीकरणों को साध लिया.
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Rekha Gupta Oath Ceremony: पहली बार विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री बन गई हैं. राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ 6 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इन मंत्रियों में प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह शामिल हैं. रेखा गुप्ता के शपथग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक 2 बड़े समीकरणों को साध लिया.
प्रवेश वर्मा की नाराजगी दूर
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर हराने के बाद प्रवेश वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री की रेस में चल रहे थे और उन्हें सीएम बनाए जाने की चर्चा थी. पार्टी ने रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला किया, जिससे प्रवेश वर्मा नाराज चल रहे थे. शपथग्रहण से एक दिन पहले तक उनके घर पर कोई हलचल नहीं थी और कई जगह दावा किया जा रहा था कि वो फैसले से खुश नहीं हैं. लेकिन, शपथग्रहण के दौरान प्रवेश वर्मा और रेखा गुप्ता एक साथ मंच पर नजर आए और इस दौरान दोनों के चेहर पर मुस्कान थी. इससे साफ है कि पार्टी ने प्रवेश वर्मा की नाराजगी को खत्म कर दिया है. बीजेपी ने दिल्ली में पहला लक्ष्य साध लिया.
मंच पर एकनाथ शिंदे की मुस्कान
रेखा वर्मा के शपथग्रहण समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी शामिल हुए. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि एकनाथ शिंदे नाराज चल रहे हैं और देवेंद्र फडणवीस की कई बैठकों में वह शामिल नहीं हुए थे. इसके साथ ही कई फैसलों पर भी सवाल उठा और कहा जाने लगा था कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच तकरार बढ़ गई है. हालांकि, रेखा गुप्ता के शपथग्रहण समारोह में फडणवीस और शिंद मुस्कुराते नजर आए और एक-दूसरे के बगल में दिखे. इससे साफ हो गया है कि बीजेपी ने दोनों के बीच की खटपट को खत्म कर दिया है. यानी पार्टी ने एक तीर से 2 निशाने साध लिए हैं.
दिल्ली में नई सरकार के सामने हैं कई चुनौतियां
दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिनमें अपने प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करना, पिछली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना, शहर के प्रदूषण और बुनियादी ढांचे की समस्याओं को ठीक करना और यमुना की सफाई शामिल है. भाजपा सरकार को राष्ट्रीय राजधानी की वित्तीय सेहत पर नजर रखते हुए ये सारे काम करने होंगे. अपने गठन के बाद से पहली बार सत्ता से बाहर हुई आम आदमी पार्टी (AAP) अब विपक्ष में होगी और भाजपा पर दबाव बनाएगी.
हाल ही में संपन्न 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीट के साथ निर्णायक जीत हासिल की, जबकि आप को केवल 22 सीट मिलने से राजधानी में उसका एक दशक लंबा शासन समाप्त हो गया. भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की शीर्ष प्राथमिकताओं में दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक मानदेय प्रदान करने के अपने वादे को पूरा करना होगा. यह पार्टी के घोषणापत्र में एक प्रमुख प्रतिबद्धता थी और इसे आप के 2,100 रुपये के वादे से आगे निकलने के लिए तैयार किया गया था.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)