झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए अफसरों को निर्देश दिया कि अगले महीने से यह नया कानून सभी कंपनियों और प्रतिष्ठानों में लागू करायें.
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रांची: झारखंड में प्राइवेट क्षेत्रों में 40 हजार रुपये तक की तनख्वाह वाली नौकरियों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों की नियुक्ति अनिवार्य होगी. यह नियम हर उस प्रतिष्ठान और कंपनी के लिए बाध्यकारी होगा, जहां 10 से ज्यादा कर्मी काम करते हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए अफसरों को निर्देश दिया कि अगले महीने से यह नया कानून सभी कंपनियों और प्रतिष्ठानों में लागू करायें. इस रिव्यू मीटिंग में राज्य के सभी जिलों के डीसी भी उपस्थित रहे.
प्राइवेट सेक्टर में स्थानीयों के 75 फीसदी आरक्षण की नियमावली का गजट नोटिफिकेशन श्रम एवं नियोजन विभाग ने विगत 29 जुलाई को ही जारी कर दिया है. अक्टूबर महीने से राज्य में होनेवाली निजी क्षेत्रों की हर नियुक्ति में यह प्रावधान लागू होगा. पहले से संचालित कंपनियों और प्रतिष्ठानों को भी अपने कर्मियों के लिए इस प्रावधान का पालन करना होगा. इसके लिए उन्हें तीन वर्ष का वक्त दिया गया है.
यानी आगामी तीन वर्षों में उन्हें अपने यहां काम करने वाले कर्मियों के कुल संख्या बल में 75 फीसदी अनुपात झारखंड के स्थानीय लोगों का हो, यह सुनिश्चित करना होगा. अगर निजी प्रतिष्ठान या कंपनी में आउटसोसिर्ंग के जरिए कर्मियों से काम लिया जाता है, तब भी आरक्षण का यह नियम लागू करना होगा.
नियमों का पालन न करने पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा. 40 हजार रुपये प्रतिमाह से ऊपर की नियुक्तियों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा. वैसी नौकरियां, जिनके लिए विशेष कौशल की जरूरत है, वहां भी इस नियम को शिथिल किया जा सकता है.
इस कानून का अनुपालन कराने के लिए स्टेट लेवल पर एक कमिटी बनाई जा रही है, जिसके अध्यक्ष श्रम विभाग के सचिव होंगे. नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के डायरेक्टर इस कमेटी के मेंबर सेक्रेटरी होंगे. इनके अलावा लेबर कमिश्नर, इंडस्ट्री डायरेक्टर, मुख्य कारखाना निरीक्षक व मुख्य वॉयलर निरीक्षक इस कमेटी के सदस्य होंगे. यह कमेटी हर तीन महीने पर झारखंड सरकार को कानून के अनुपालन की स्थिति पर रिपोर्ट देगी.
(आईएएनएस)