बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 16 जनवरी, 2025 दिन गुरुवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता आचार्य किशोर कुणाल को मरणोपरांत पद्म विभूषण देने की सिफारिश की. कैबिनेट सचिवालय विभाग की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार कुणाल के नाम को दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई.
बिहार के सबसे बड़े मंदिरों में से एक महावीर मंदिर के ट्रस्ट के प्रमुख कुणाल का पिछले महीने 74 साल की उम्र में पटना में निधन हो गया था. साल 1972 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी कुणाल (Acharya Kishore Kunal) ने मई 2001 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी.
वह (Acharya Kishore Kunal) अगस्त 2001 से फरवरी 2004 तक बिहार के दरभंगा में स्थित केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति रहे. बाद में उन्होंने स्वेच्छा से पद त्याग दिया. कुणाल 23 मई, 2006 को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक और 2010 में अध्यक्ष बने.
उन्होंने 10 मार्च, 2016 को इस पद से इस्तीफा दे दिया. कुणाल (Acharya Kishore Kunal) ने 1990 के दशक में केंद्र में वी.पी. सिंह सरकार द्वारा राम जन्मभूमि विवाद को सुलझाने के लिए गठित अयोध्या प्रकोष्ठ के लिए विशेष कार्य पदाधिकारी के रूप में कार्य किया था.
बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग मंत्री अशोक चौधरी ने एक बयान जारी कर दिवंगत सामाजिक कार्यकर्ता को उक्त सम्मान दिये जाने की अनुशंसा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. चौधरी की बेटी और समस्तीपुर से सांसद शांभवी का विवाह कुणाल के बेटे सयान से हुआ है.
इनपुट: भाषा
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