Home Vastu Tips: वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा का द्वार शुभ नहीं माना जाता है. इसे संकट का द्वारा भी कहा जाता है जबकि, पूर्व दिशा को समृद्धि का द्वार कहा जाता है. यही कारण है कि लोग पूर्व दिशा की ओर मुख वाला मकान खरीदना पसंद करते हैं
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पटनाः Home Vastu Tips:जमीन खरीदी, घर बनवाया और काफी मेहनत-मुद्दत के बाद आप उसमें रहने आ गए. लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में घर बनाने में दिशा की गलतियां हो जाती हैं और इन्हीं में से एक है मुख्य द्वार की दिशा की गलती. कई बार ऐसी गलतियों का पता घर बन जाने के बाद चलता है और खास बात ये है कि ज्योतिष और वास्तु दिशाओं की गलतियों को शुभ नहीं मानते हैं. इसके कारण गृह स्वामी को मानसिक कष्ट होता है. असल में अगर आपके घर के मुख्य द्वार की दिशा दक्षिण की ओर है तो इसे वास्तु में अशुभ माना जाता है.
शुभ नहीं होती है दक्षिण दिशा
वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा का द्वार शुभ नहीं माना जाता है. इसे संकट का द्वारा भी कहा जाता है जबकि, पूर्व दिशा को समृद्धि का द्वार कहा जाता है. यही कारण है कि लोग पूर्व दिशा की ओर मुख वाला मकान खरीदना पसंद करते हैं और दक्षिण की ओर मुंह वाला घर कम कीमत में भी लेना पसंद नहीं करते हैं. पूर्व मुखी द्वार पर सूर्य की किरणें पहले पहुंचती हैं जो अपने साथ सकारात्मक किरणें ले आती हैं. हालांकि दक्षिण दिशा सभी के लिए बहुत अशुभ नहीं होती है.
इन राशि के लोगों पर नहीं होता है प्रभाव
वास्तु के सटीक जानकारों के मुताबिक, जिन व्यक्तियों का जन्म मेष, धनु अथवा सिंह राशि में हुआ है उनके लिए दक्षिण दिशा का द्वार कष्टकारी नहीं होता है. इसके अलावा अगर अन्य किसी राशि के व्यक्ति के घर का मुख्य द्वार दक्षिण में है तो उन्हें कुछ खास उपाय अपना लेने चाहिए. द्वार के ठीक सामने एक आदमकद दर्पण इस तरह से लगाएं कि जिससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति की पूरी छाया दर्पण में बने. इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक उर्जा पलटकर वापस चली जाती है. द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की प्रतिमा लगाने या कैलेंडर टांगने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तुदोष दूर होता है. मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड लगवाने से भी वास्तुदोष समाप्त होता.
ये उपाय भी होगा कारगर
जो लोग घर बनवा रहे हों और उनके भवन का मुख्यद्वार दक्षिण दिशा के अलावा अन्य दिशा में नहीं हो सकता है तब दक्षिण दिशा के वास्तु को दूर करने के लिए गृह निर्माण के समय ही वास्तु उपाय कर लेना चाहिए. इसके लिए सबसे सरल उपाय यह है कि दक्षिण पूर्व से एक तिहाई भाग छोड़कर मुख्य द्वार का निर्माण करवायें.
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