BPSC Student Protest March: बीपीएससी के छात्र ऐसे समय में मुख्यमंत्री आवास की ओर जा रहे हैं जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में हैं. वे दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिवार से मिलने गए हैं. अब सवाल यह है कि क्या छात्र मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच पाएंगे, क्योंकि वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
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पटना: पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा को फिर से कराने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. प्रदर्शनकारी छात्र शनिवार से पटना के गांधी मैदान में जुटे हुए थे और रविवार को उन्होंने एक धर्म संसद का आयोजन किया. इस बैठक में मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का निर्णय लिया गया. जब छात्र सीएम हाउस का घेरने के लिए आगे बढ़े तो प्रशासन ने डाक बंगला चौराह के पास बैरिकेडिंग करके उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्र बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ गए.
धर्म संसद में हुई रणनीति तैयार
गांधी मैदान में आयोजित धर्म संसद में छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर चर्चा की. उनका कहना है कि BPSC की परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताएं हैं और इसे रद्द कर दोबारा आयोजित किया जाना चाहिए. छात्रों ने कहा कि उनकी समस्याओं को राज्य सरकार अनदेखा कर रही है और अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधा संवाद आवश्यक हो गया है. साथ ही इस आक्रोश मार्च की अगुवाई जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर कर रहे हैं. शनिवार को प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात की थी और उनका समर्थन किया था. छात्रों का कहना है कि उनके संघर्ष को राजनीतिक स्वार्थ से नहीं देखा जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच
रविवार को धर्म संसद के फैसले के बाद छात्रों ने गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च शुरू किया. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय दिल्ली में हैं और उनकी अनुपस्थिति में पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी है. साथ ही मार्च के दौरान छात्रों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं और छात्रों को उनकी गैरमौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास के पास जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इसके बाद छात्रों ने वहीं प्रदर्शन शुरू कर दिया.
छात्रों की मांगें और भविष्य की रणनीति
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे. छात्रों ने यह भी कहा कि उनकी मांगें केवल परीक्षा से संबंधित हैं और यह आंदोलन किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं है.
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
इसके अलावा बता दें कि अब सभी की नजर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया पर है. क्या छात्रों की मांगों को सुना जाएगा या उनका प्रदर्शन और तेज होगा? बिहार में छात्रों का यह आंदोलन शिक्षा प्रणाली में सुधार की मांग के साथ एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है.
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