मुजफ्फरपुर के शुक्ला रोड के स्थित चतुर्भुज स्थान को राज्य का सबसे बड़ा और पुराना रेड लाइट एरिया माना जाता है. यहां का इतिहास भी काफी एतिहासिक रहा है. एक जमाने में बड़े बड़े राजा-महाराजा यहां अपने बच्चों को तहजीब सिखने के लिए भेजा करते थे. लेकिन समय के साथ हुनर और कला के मंदिर रूप में जाने जाना वाला ये स्थान देह व्यापार के अड्डा बन गया.
बिहार की राजधानी पटना में भी आपको कई रेड लाइट एरिया मिल जाएंगे. पटना के जंक्शन के पास हर रात बड़े स्तर पर देह व्यापार का धंधा चलता है. इसके अलावा फ्रेजर रोड, डाक बंगला स्कॉर्ट राजेंद्र नगर में कई बदनाम गलियां है.
गया रेलवे स्टेशन के पास स्थित सराय रोड में भी रेड लाइट एरिया है. हर दिन यहां बड़े स्तर पर देह व्यापर का धंधा होता है. इस धंधे को रोकने के लिए कई बार पुलिस की यहां छापेमारी भी होती है लेकिन फिर इस धंधे में शामिल लोग बाज नहीं आते हैं. पुलिस आए दिन यहां से लोगों को गिरफ्तार करते रहती है.
बिहार के अरवल जिले में भी नाच-गाने की आड़ में धड़ल्ले से देह व्यापार का धंधा होता है. यहां बिहार के अलावा ओडिशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित आसपास के कई अन्य राज्यों से गरीब परिवार की लड़कियां लाई जाती हैं और उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता है. यहां बिचौलियों और लड़कियों के परिवार के बीच 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के स्टांप पेपर पर नियम और शर्तें लिखी जाती हैं.
बिहार के पूर्णिया में सबसे ज्यादा रेड लाइट वाला इलाका है. यहां की अगर बात करें तो कटिहार मोड़ में 10, गुलाबबाग में 8 हरदा में 5, बनमनखी में 10, कब्रिस्तान टोला में 2 रेड लाइट इलाका है. पूर्णिया के रेड लाइट इलाकों का इतिहास भी काफी पुराना है. यहां लगने वीले गुलाबबाग मेले में पश्चिम बंगाल सहित दूर-दूर की नर्तकियां आती थी. बाद में यहां देह व्यापार का धंधा शुरू हो गया.
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