Chanakya Niti: जीवन में इन पांच प्रकार के लोगों से रहें दूर, नहीं तो खो देंगे सम्मान
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Chanakya Niti: जीवन में इन पांच प्रकार के लोगों से रहें दूर, नहीं तो खो देंगे सम्मान

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के माध्यम से यह भी पता चलता है कि व्यक्ति को किस प्रकार के स्थान पर कैसा व्यवहार करना चाहिए, जिससे सफलता हासिल की जा सके. 

(फाइल फोटो)

Chanakya Niti: चाणक्य को पूरे विश्व में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. उन्होंने अपनी नीति में जीवन से जुड़ी कई चीजों के बारे में बताया है. जीवन में सफलता पाने के लिए आज भी लोग चाणक्य नीति अपनाते हैं. चाणक्य को राजनीति, कूटनीति और युद्धनीति के ज्ञान के लिए जाना जाता है. साथ ही उन्होंने जीवन में भी कई विषयों पर अपने विचार और नीति के बारे में बताया है. चाणक्य नीति के माध्यम से यह भी पता चलता है कि व्यक्ति को किस प्रकार के स्थान पर कैसा व्यवहार करना चाहिए, जिससे सफलता हासिल की जा सके. आइये जानते हैं कि चाणक्य नीति में इस विषय के बारे में क्या बताया गया है. 

 

चाणक्य नीति के अनुसार 5 स्थानों पर कभी भी नहीं रहना चाहिए. इसे जितनी जल्दी हो सके त्याग देना चाहिए. 

 

लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता ।

 

पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम् ।।

 

जहां न मिले सम्मान

चाणक्य के अनुसार जिस भी स्थान पर आपका सम्मान न हो. ऐसे स्थान पर रहना मूर्खता होती है. ऐसे स्थान को जितनी जल्दी हो सके छोड़ देना चाहिए. वहीं, चाणक्य कहते हैं कि जीवन में एक व्यक्ति के लिए उसके आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ नहीं होता. इसलिए सदैव अपने सम्मान की रक्षा करनी चाहिए. 

 

आजीविका या नौकरी न हो

चाणक्य के अनुसार जिस स्थान पर व्यक्ति को आजीविका या फिर नौकरी न मिले, उस स्थान पर भी ज्यादा समय बिताना सही नहीं है. इसलिए किसी दूसरे स्थान पर जाकर बेहतर नौकरी की तलाश करें. 

 

अपने से छोटों का सम्मान है जरूरी

चाणक्य कहते हैं कोई भी व्यक्ति छोटा हो या फिर बड़ा हो, सभी का सम्मान करना चाहिए. जहां पर लोग औरतों और अपने से छोटों को सम्मान नहीं देते वहां, पर लोगों को नहीं रहना चाहिए. 

 

उदारता और दया का भाव

व्यक्ति में उदारता का भाव होना चाहिए. साथ ही जो लोग सभी के साथ दया के भाव के साथ पेश आते हैं, जीवन में ऐसे लोग आगे बढ़ते हैं. वहीं जिन लोगों में उदारता का भाव और लोगों को दान देने की प्रवृत्ति नहीं होती है. ऐसे स्थान पर नहीं रहना चाहिए और इस प्रकार के लोगों का साथ नहीं देना चाहिए. 

 

विपत्ति में नहीं देते हैं साथ

चाणक्य नीति के श्लोक में उन्होंने बताया कि इन पांच स्थानों पर व्यक्ति को नहीं रहना चाहिए. क्योंकि यहां पर रहने से आपका सम्मान कम होता है. इस प्रकार के स्थानों से दूर रहना चाहिए क्योंकि विपत्ति के दौरान ऐसे लोग आपकी मदद नहीं करते हैं. 

 

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