Bishunpur Vidhan Sabha Seat: बिशुनपुर में फिर दिखेगा बीजेपी का दबदबा या महागठबंधन मारेगा दांव?
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Bishunpur Vidhan Sabha Seat: बिशुनपुर में फिर दिखेगा बीजेपी का दबदबा या महागठबंधन मारेगा दांव?

Bishunpur Vidhan Sabha: बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनावी माहौल हमेशा रोचक रहता है, जहां आदिवासी मुद्दों और विकास योजनाओं पर राजनीतिक दलों के बीच कड़ी टक्कर होती है. यहां के लोग जल, जंगल और ज़मीन के मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं, जिस पर हर पार्टी अपना ध्यान केंद्रित करती है.

 

Bishunpur Vidhan Sabha Seat: बिशुनपुर में फिर दिखेगा बीजेपी का दबदबा या महागठबंधन मारेगा दांव?

Bishunpur Vidhan Sabha: झारखंड का बिशुनपुर विधानसभा सीट गुमला जिले में स्थित है और यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 4,69,464 है, जिनमें से 2,81,605 लोग मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. इनमें 1,39,106 पुरुष और 1,40,024 महिला मतदाता शामिल हैं. इसके अलावा 1,315 वरिष्ठ मतदाता, 13,928 युवा मतदाता, 4,837 दिव्यांग मतदाता और 2 थर्ड जेंडर मतदाता भी इस विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत हैं.

बिशुनपुर में झामुमो और बीजेपी का प्रभाव
बिशुनपुर विधानसभा सीट पर अब तक हुए चार चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने तीन बार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बार जीत हासिल की है. खास बात यह है कि झामुमो के नेता चमरा लिंडा ने सबसे ज्यादा बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने दो बार झामुमो के टिकट पर और एक बार राष्ट्रीय कल्याण पक्ष (RAKAP) के टिकट पर जीत दर्ज की है.

2019 में झामुमो के चमरा लिंडा ने लगाई जीत की हैट्रिक
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बिशुनपुर सीट से झामुमो के चमरा लिंडा ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की. इस चुनाव में लिंडा को कुल 80,864 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार अशोक उरांव 63,482 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. इस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के महात्मा उरांव को केवल 5,005 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे.

2014 में भी चमरा लिंडा की जीत
2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भी चमरा लिंडा ने बिशुनपुर सीट से जीत हासिल की थी. उस चुनाव में कुल 17 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें एक महिला उम्मीदवार भी शामिल थीं. लिंडा को 55,851 वोट मिले थे और उन्होंने बीजेपी के समीर उरांव को हराया था, जिन्हें 45,008 वोट मिले थे. इस चुनाव में अशोक उरांव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हिस्सा लिया था और उन्हें 11,994 वोट मिले थे.

2009 में राष्ट्रीय कल्याण पक्ष के टिकट पर चमरा लिंडा की जीत
2009 के विधानसभा चुनाव में चमरा लिंडा ने राष्ट्रीय कल्याण पक्ष (RAKAP) के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्हें 44,461 वोट मिले थे. इस चुनाव में कांग्रेस के शिवकुमार भगत दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 27,751 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी के भिखारी भगत को 23,463 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे थे.

2005 में बीजेपी की पहली जीत
2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बिशुनपुर सीट पर पहली बार बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में बीजेपी के चंद्रेश उरांव ने 24,099 वोट प्राप्त कर, चमरा लिंडा को 569 वोटों के मामूली अंतर से हराया था. इस चुनाव में कुल 17 उम्मीदवार मैदान में थे और मुकाबला काफी कड़ा था.

सीट का महत्व
बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बहुल है और सांस्कृतिक दृष्टि से भी इसका खास महत्व है. यहां जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता के मुद्दे हमेशा से हावी रहे हैं. आदिवासियों के हितों की रक्षा और उनकी संस्कृति को संजोने के मुद्दों पर यहां चुनाव लड़े जाते हैं.

वर्चस्व और राजनीतिक संघर्ष
बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में पहले कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला हुआ करता था, लेकिन बाद में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले चमरा लिंडा ने यहां अपनी पकड़ मजबूत कर ली. पिछले एक दशक से झामुमो के उम्मीदवार के रूप में वे लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस इस क्षेत्र में अब भी प्रमुख विपक्षी दल हैं, लेकिन झामुमो का दबदबा कायम है.

कड़ी टक्कर
वर्तमान में बिशुनपुर विधानसभा सीट पर झामुमो के विधायक चमरा लिंडा का मजबूत प्रभाव है. वे पिछले तीन चुनावों में लगातार जीत दर्ज कर चुके हैं, जिससे उनकी पकड़ और मजबूत हो गई है. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस अब भी इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं और भविष्य के चुनावों में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.

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