Ahoi Ashtami 2024: कब है अहोई अष्टमी? जानें व्रत का महत्व और तारों की पूजा का शुभ मुहूर्त
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2483250

Ahoi Ashtami 2024: कब है अहोई अष्टमी? जानें व्रत का महत्व और तारों की पूजा का शुभ मुहूर्त

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद रखा जाता है और इसे अहोई आठें भी कहा जाता है. यह व्रत खासतौर पर उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं.

Ahoi Ashtami 2024: कब है अहोई अष्टमी? जानें व्रत का महत्व और तारों की पूजा का शुभ मुहूर्त

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और कुशलता के लिए रखती हैं. खासकर उत्तर भारत में यह व्रत अधिक लोकप्रिय है. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत रखा जाता है, जो करवा चौथ के चार दिन बाद आता है. साल 2024 में अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर बृहस्पतिवार को रखा जाएगा. इस दिन रात को तारों को देखकर व्रत का पारण किया जाता है.

आचार्य मदन मोहन के अनुसार अहोई अष्टमी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी रखा जाता है. जिन महिलाओं को संतान नहीं होती, वे इस व्रत को श्रद्धा से रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि अहोई माता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस दिन महिलाएं सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेती हैं और फिर पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. शाम के समय सही मुहूर्त में अहोई माता की पूजा की जाती है.

पूजा के लिए दीवार पर अहोई माता की छवि बनाई जाती है. पूजा की थाली में 8 पूड़ियां, 8 पुआ और हलवा रखा जाता है. साथ ही, इस दिन सेई (एक प्रकार का पौधा) की भी पूजा की जाती है और उसे हलवा और सरई की सात सींकें अर्पित की जाती हैं. पूजा के बाद अहोई अष्टमी की कथा सुनना या पढ़ना आवश्यक होता है. साथ ही पूजा के बाद जब आकाश में तारे दिखाई देते हैं, तब तारा दर्शन करके व्रत खोला जाता है. यह व्रत माताओं के लिए संतान की भलाई और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है, इसलिए इसे बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है.

ये भी पढ़िए-  Gumla Vidhan Sabha: झामुमो और बीजेपी के बीच की कड़ी टक्कर, जानें कैसे हैं समीकरण?

Trending news