महागठबंधन की सरकार बनने से छात्रों-अभ्यर्थियों में नौकरी बहाली की उम्मीद जगी थी, लेकिन लगभग छह महीने बाद भी न तो सीएम नीतीश छात्रों के हित में फैसले ले रहे हैं और न ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर से कोई निर्णय लिया जा रहा है.
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पटनाः Bihar Politics: बिहार तकनीकि सेवा आयोग के अभ्यर्थियों ने राजद और जदयू के कार्यालय के सामने पहुंचकर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों की मांग थी कि पेंडिंग रिजल्ट को जल्द क्लियर किया जाए. उन्होंने कहा कि रिजल्ट जारी हो या फिर इच्छा मृत्यु दी जाए. जनवरी 2019 में आयोग द्वारा जूनियर इंजीनियर के पद पर बहाली निकाली गई थी. इसके लिए कुल 64 हजार पद थे. 2019 में परीक्षा भी हुई थी.
10 लाख लोगों को नौकरी देने का क्या हुआ?
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने से छात्रों-अभ्यर्थियों में नौकरी बहाली की उम्मीद जगी थी, लेकिन लगभग छह महीने बाद भी न तो सीएम नीतीश छात्रों के हित में फैसले ले रहे हैं और न ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर से कोई निर्णय लिया जा रहा है. तेजस्वी ने सरकार बनने के बाद भी 10 लाख लोगों को नौकरी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आलम यह है कि अब तक पेंडिंग रिजल्ट भी क्लियर नहीं हो सका है.
अभ्यर्थियों ने मांगी इच्छा मृत्यु
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को बिहार तकनीकी सेवा आयोग के अभ्यर्थियों ने रिजल्ट की मांग को लेकर भाजपा कार्यालय से लेकर आरजेडी और जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय तक जाकर प्रदर्शन किया.
इस दौरान अभ्यर्थी गेट पर ही बैठ गए और रिजल्ट देने की मांग करने लगे.
2019 में हुई थी परीक्षा
अभ्यर्थियों का कहना था कि या तो रिजल्ट जारी करे या फिर इच्छा मृत्यु दे दी जाए. हजारों की संख्या में इंजीनियर अभ्यर्थी पटना पहुंचे थे.असल में जनवरी 2019 में आयोग द्वारा जूनियर इंजीनियर के पद पर बहाली निकाली गई थी. इसके लिए कुल 64 हजार पद थे. 2019 में परीक्षा भी हुई थी. रिजल्ट 2022 के अप्रैल में आया लेकिन उच्च न्यायालय ने रिजल्ट में त्रुटियां बताते हुए उसे रोक दिया.