Gaya News: अद्‌भुत! भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अस्थि कलश के दर्शन को लगी कतार, देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2628256

Gaya News: अद्‌भुत! भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अस्थि कलश के दर्शन को लगी कतार, देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु

Gaya News: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया में श्रीलंकाई मंदिर जयश्री महाबोधि महाविहार का 18वां वार्षिकोत्सव मना रहा है. इस दौरान श्रीलंकाई महाविहार के प्रांगण में भगवान बुद्ध और उनके दो परम शिष्य महामोगल्लान और सारिपुत्त के अस्थि कलश को आम लोगों के दर्शन के लिए प्रदर्शित किया जा रहा है.

Gaya News: अद्‌भुत! भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के अस्थि कलश के दर्शन को लगी कतार, देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु

Gaya News: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया में श्रीलंकाई मंदिर जयश्री महाबोधि महाविहार का 18वां वार्षिकोत्सव मना रहा है. इस दौरान श्रीलंकाई महाविहार के प्रांगण में भगवान बुद्ध और उनके दो परम शिष्य महामोगल्लान और सारिपुत्त के अस्थि कलश को आम लोगों के दर्शन के लिए प्रदर्शित किया जा रहा है. इस दौरान देश-विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु कतारबद्ध होकर भगवान बुद्ध और उनके दोनों शिष्यों के अस्थि कलश का दर्शन कर रहे हैं. इस मौके पर श्रीलंकाई बौद्ध भिक्क्षु भंते सुमितानंद ने कहा कि इस बार श्रीलंकाई मंदिर जयश्री महाबोधि महाविहार का 18वां वार्षिक वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा है. भगवान बुद्ध एवं उनके दो परम शिष्य महामोगल्लान और सारिपुत्त के अस्थि कलश के दर्शन के लिए आम लोगों के लिए रखा गया है.

यह भी पढ़ें: छपरा एसपी का बड़ा एक्शन, 93 लोगों को किया गया गिरफ्तार, जानें कारण

बताया जा रहा है कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुबह 8 बजे से 10:30 बजे तक एवं 2 बजे से 5 बजे तक लोग अस्थि कलश के दर्शन कर सकते हैं. बता दें कि लोगों की भीड़ को देखते हुए ऐसा किया गया है. विश्व के कई बौद्ध देशों के श्रद्धालु अस्थि कलश के दर्शन के लिए आ रहे हैं. अस्थि कलश के दर्शन से मन को शांति मिलती है. आपको बता दे कि भगवान बुद्ध को बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. जिसके बाद उन्होंने पूरी दुनिया को मध्यम मार्ग का रास्ता बताया था.

यह भी पढ़ें: बिहार में 17 लाख एकड़ सरकारी भूमि की हुई पहचान, 31 लाख खेसरा चिन्

यही वजह है कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक बोधगया आते हैं. आपको बता दें कि महाबोधि सोसाइटी परिसर में भगवान बुद्ध की रखी पवित्र अस्थि कलश को श्रीलंका से लाया गया है. इसे ब्रिटिश शासन के दौरान 1937 में महियंगम स्तूप से खुदाई के दौरान प्राप्त किया गया था. भगवान बुद्ध के दोनों शिष्यों की अस्थि कलश सांची के स्तूप संख्या तीन से मिली थी. 1851 में कनिंघम ने खुदाई के दौरान इसे निकाला था. इन अस्थि कलश को बाद में लंदन के अल्बर्ट संग्रहालय में रखा गया था. वहीं महाबोधि सोसाइटी के प्रयास से 14 मार्च 1947 को इन अस्थि कलश को श्रीलंका भेजा गया. वहां से 12 जनवरी 1949 में इसे भारत लाया गया. बोधगया में कोलकाता स्थित मुख्यालय से अस्थि कलश को लाकर रखा गया है.

यह भी पढ़ें: बिहार को मिलने वाली है नई अमृत भारत की सौगात, जानें किस जिले से होकर गुजरेगी ट्रेन

बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi  हर पल की जानकारी । बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

 

Trending news