बेगूसराय में भीषण गर्मी में चमगादड़ की लगातार मौत, उनके अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा
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बेगूसराय में भीषण गर्मी में चमगादड़ की लगातार मौत, उनके अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

बिहार के बेगूसराय में भीषण गर्मी में चमगादड़ की लगातार मौत से उसके अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो रहा है. बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर तीन पंचायत के भूथरी गांव में सैकड़ों वर्षों से एक बरगद पेड़ पर अवस्थित हजारों चमगादड़ का अस्तित्व खतरे में है. 

बेगूसराय में भीषण गर्मी में चमगादड़ की लगातार मौत, उनके अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

बेगूसरायः बिहार के बेगूसराय में भीषण गर्मी में चमगादड़ की लगातार मौत से उसके अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो रहा है. बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर तीन पंचायत के भूथरी गांव में सैकड़ों वर्षों से एक बरगद पेड़ पर अवस्थित हजारों चमगादड़ का अस्तित्व खतरे में है. इस भीषण गर्मी के कारण प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में चमगादड़ की प्रजाति पेड़ से नीचे गिरकर मर रहे हैं. 

स्थानीय लोगों द्वारा पेड़ से चमगादड़ गिरने के बाद उसे पानी पिलाकर जान बचाने का प्रयास किया जा रहा है. वैसे चमगादड़ उन्हें पेड़ से गिरने के बाद पानी नहीं मिल पाता है वो जमीन पर गिरते ही पानी के बिना छटपटा कर मर जाते हैं. चमगादड़ के मरने से पेड़ के आसपास इतना दुर्गंध करता है कि पेड़ के पास ठहरना तो दूर उस रास्ते से गुजरना भी मुश्किल हो गया है. 

स्थानीय लोगों ने बताया कि सैकड़ों वर्ष पूर्व भुथरी ठाकुरवाड़ी का महंत श्री 108 श्री बौद्ध बाबा जी महाराज के द्वारा ठाकुरबाड़ी परिसर में चमगादड़ की प्रजाति को लाया गया था और उस चमगादड़ को बरगद पेड़ पर रखा गया था. महंत के द्वारा चमगादड़ के उस प्रजाति को सुरक्षित रखने के लिए उसकी नियमित देखभाल की जा रही थी. चमगादड़ की यह प्रजाति दिन भर पेड़ से उल्टा लटका रहता है और शाम होते ही अपने आहार के खोज में निकल जाता है. रात भर विभिन्न पेड़ का फल खाने के उपरांत सुबह होने से पहले वह पुनः इसी पेड़ पर लौट आता है. 

बताया जाता है कि आज तक ऐसा कभी देखने को नहीं मिला कि चमगादड़ की यह प्रजाति पेड़ से आम की तरह गिर रही है. इस भीषण गर्मी के कारण जहां लोगों को अपने घर से निकलना मुश्किल है. वहीं पेड़ों से छुटकर प्यास के कारण यह चमगादड़ जमीन पर गिरकर दम तोड़ रहे हैं. चमगादड़ को गिरते ही उसे पानी पिला दिया जाता है तो वह चमगादड़ कुछ देर के बाद जमीन से उड़कर पेड़ पर चला जाता है. उन्हें पानी नहीं मिलता है वह वह अपना दम तोड़ देते हैं. ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन प्रखंड विकास पदाधिकारी को घटना की सूचना देते हुए उन्हें चमगादड़ की स्थिति से अवगत होने व चमगादड़ के बचाव की गुहार लगाई . 

स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से चापाकल पाईप व मोटर की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं. जिससे विलुप्त हो रहे चमगादड़ की प्रजाति को बचाया जा सके. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर पेड़ के पास बाहर से भी लोग आकर चमगादड़ के साथ सेल्फी लेते हैं. जरूरत है आज इस महत्वपूर्ण प्रजाति को बचाने के लिए ठोस उपाय करने की.

इनपुट-राजीव कुमार

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