Chhath Puja 2023: मान्यता है कि इस दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात बनाया जाता है. नहाय खाय के दिन सबसे पहले व्रत रखने वाले व्रतियों को खाना परोसा जाता है.
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Chhath Puja 2023: छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो चुकी है. छठ पूजा में नहाय खाय का बहुत महत्व है. सूर्य देव की पूजा का ये पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है. पहले दिन नहाय खाय के साथ पूजा की शुरुआत हो चुका है. इस दिन छठ व्रती सुबह में उठकर स्नान कर साफ या नए वस्त्र पहने हैं. फिर वह भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हैं. इसके बाद बाद सात्विक भोजन करते हैं.
नहाय खाय का खाना बिना प्याज और लहसुन के बनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात बनाया जाता है. नहाय खाय के दिन सबसे पहले व्रत रखने वाले व्रतियों को खाना परोसा जाता है. उसके बाद पूरे परिवार को इस खाने को प्रसाद के रूप में दिया जाता है.
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बता दें कि हिंदू छठ को सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित त्योहार के रूप में मनाते हैं, जिन्हें सूर्य देव के नाम से जाना जाता है. इस प्राचीन हिंदू त्योहार की ऐतिहासिक जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप में हैं, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार राज्यों में है. छठ पूजा के दौरान सूर्य देवता को जीवन में सभी आशीर्वादों के लिए धन्यवाद देने और विशेष इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की जाती है.
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चार दिवसीय अनुष्ठानों में पवित्र स्नान, उपवास और जल संयम, पानी में खड़े होकर उगते और डूबते सूर्य को प्रसाद और अर्घ्य देना शामिल है. कुछ भक्त साष्टांग प्रणाम करते करते हैं. छठ व्रत को काफी कठिन माना गया है, इसलिए इसे महापर्व छठ भी कहा जाता है. छठ व्रत में व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं.