36 घंटे निर्जल रहने के बाद महिलाओं ने 8 नवंबर, 2024 दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत की पारणा की. इसके साथ छठ महापर्व का समापन हो गया. पूरे बिहार में हर जगह छठ घाट बने थे. इन घाटों पर छठव्रतियों ने पहुंचकर अपना उपवान खत्म किया.
मधुबनी में भी लोकआस्था का महापर्व छठ के सुबह के अर्घ्य को लेकर व्रती तालाब घाटों पर पहुंचकर तालाब में खड़े रहे हैं. चौथे दिन छठ व्रती उगते भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया. शहर के गंगासागर तालाब सहित अन्य तालाबों में हजारों की संख्यां में भक्त भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने पहुंचे.
खगड़िया के विभिन्न छठ घाट पर लोक आस्था का महापर्व छठ के सुबह के अर्घ्य को लेकर व्रती तालाब घाटों पर पहुंचकर तालाब में खड़े रहे. चौथे दिन छठ व्रती उगते भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया. जिले के संन्होली तालाब सहित अन्य तालाबों में हजारों की संख्यां में भक्त भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने पहुंचे.
शेखपुरा में सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर सम्मान हुआ. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ शेखपुरा सहित संपूर्ण जिले में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. सुबह व्रतियों और श्रद्धालुओं ने शहर के विभिन्न छठ घाटों पर उदयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया. छठ महापर्व को लेकर संपूर्ण शहर भक्ति के माहौल में डूबा रहा. शहर में चारों ओर छठ मैया के गीतों की धुन सुनाई देती रही.
बांका में लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व के चार दिवसीय अनुष्ठान में आज चौथे दिन श्रद्धालुओं ने उगते भास्कर को अर्घ्य देकर सुख समृद्धि की कामना हेतु भगवान सूर्य से प्रार्थना की. महिलाएं और पुरुष छठ घाट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर पूजा की.
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर पटना सिटी के गाय घाट, भद्र घाट और कंगन घाट समेत विभिन्न गंगा घाटों पर छठ व्रतियों की काफी भीड़ देखी गई. छठ व्रती उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भाष्कर की पूजा सम्पन किया.
फारबिसगंज में छठ घाटों पर श्रद्धालुओं उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. छठव्रतियों ने भी अर्घ्य देने वाले लोगों को अपना आशीर्वाद दिया और सभी के सुख समृद्धि के लिए कामना की.
औरंगाबाद में भी सूर्य नगरी देव समेत शहर में भी लाखों व्रतियों ने उदयीमान सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत समाप्त किया. छठ पूजा का अनुष्ठान करने का एक अलग ही महत्व है और ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य यहां साक्षात् विद्यमान हैं और जो कोई भी सच्चे मन से छठी मईया की पूजा अराधना करता है, भगवान उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं.
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