Indian Army Drone: मीडिया में आई जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिकों ने उस ड्रोन बरामद कर लिया है. इसे लौटाने के लिए पाकिस्तानी सेना को हॉटलाइन पर एक संदेश दिया गया है.' अधिकारियों के मुताबिक, ड्रोन भिंबर गली इलाके के अंदरुनी हिस्सों में ट्रेनिंग फ्लाइट पर था.
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Indian Army Brahmos: तकनीकी खराबी के कारण भारतीय सेना का एक छोटा ड्रोन अनजाने में बॉर्डर पार करके पाकिस्तान में चला गया. पाकिस्तानी सेना ने इस ड्रोन को बरामद कर लिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय सेना ने ड्रोन लौटाने के लिए पाकिस्तानी सेना को हॉटलाइन पर एक मैसेज दिया है. अधिकारी ने कहा, 'सुबह 9:25 बजे, एक छोटा ड्रोन भारतीय क्षेत्र में ट्रेनिंग मिशन पर था और उसमें तकनीकी खराबी आने के कारण उस पर कंट्रोल नहीं रहा जिससे ड्रोन पाकिस्तान के निकियाल सेक्टर की ओर चला गया.'
पाकिस्तान को हॉटलाइन पर भेजा मैसेज
उन्होंने कहा, 'मीडिया में आई जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिकों ने उस ड्रोन बरामद कर लिया है. इसे लौटाने के लिए पाकिस्तानी सेना को हॉटलाइन पर एक संदेश दिया गया है.' अधिकारियों के मुताबिक, ड्रोन भिंबर गली इलाके के अंदरुनी हिस्सों में ट्रेनिंग फ्लाइट पर था.
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At 9.25 am, a Mini UAV on a training mission well within the Indian Territory lost control due to a technical malfunction and drifted into the Nikial Sector of Pakistan opposite our Bhimber Gali Sector. As per media inputs, Pak troops have recovered the same. A hotline message… pic.twitter.com/5zBzvPJkIL
— ANI (@ANI) August 23, 2024
ब्रह्मोस भी हो गई थी फायर
इससे पहले 9 मार्च 2022 को गलती से पाकिस्तान पर ब्रह्मोस सुपरसॉनिक मिसाइल लॉन्च हो गई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था. बाद में हाईकोर्ट में जवाब में वायुसेना ने कहा था कि मिसाइल के कॉम्बैट कनेक्शन जंक्शन बॉक्स से जुड़े रहे, जिस वजह से मिसाइल लॉन्च हो गई.
इस घटना पर पाकिस्तान ने भारत से अपनी नाराजगी जाहिर की थी. यूं तो भारत और पाकिस्तान के बीच माहौल तनावपूर्ण ही बना रहता है. लेकिन मिसाइल अचानक छूट जाने का एक डर यह भी था कि कहीं पाकिस्तान इसे खुद पर हमला ना मान ले. भारत को ब्रह्मोस गलती से छूट जाने पर 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. मिसाइल की देखभाल और लॉन्च करने की जिम्मेदारी ग्रुप कैप्टन सौरभ गुप्ता, स्क्वॉड्रन लीडर प्रांजल सिंह और विंग कमांडर अभिनव शर्मा पर थी. इस हादसे के बाद वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी का गठन किया था, जिसके बाद 16 गवाहों से पूछताछ की गई. जांच में तीनों को दोषी पाया गया था.
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