रहस्यमय बीमारी, साजिश या फिर कुछ और? जम्मू के गांव में 16 लोगों की मौत मामले में अमित शाह ने लिया बड़ा फैसला
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रहस्यमय बीमारी, साजिश या फिर कुछ और? जम्मू के गांव में 16 लोगों की मौत मामले में अमित शाह ने लिया बड़ा फैसला

जम्मू-कश्मीर के एक गांव में बीते 45 दिनों में 16 लोगों की मौत और 38 के बीमारी पड़ने से पूरे इलाके में दहशत फैला दी है. यहां के लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि ये मौतें किसी रहस्यमयी बीमारी का नतीजा हैं या कुछ और.

रहस्यमय बीमारी, साजिश या फिर कुछ और? जम्मू के गांव में 16 लोगों की मौत मामले में अमित शाह ने लिया बड़ा फैसला

जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले के एक सुदूरवर्ती गांव बधाल में बीते 45 दिनों में 16 लोगों की मौत ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है. यहां के लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि ये मौतें किसी रहस्यमयी बीमारी का नतीजा हैं, किसी साजिश का परिणाम हैं या फिर कोई और अज्ञात कारण इसके पीछे है. स्थानीय लोग इस बात से ज्यादा डरे हुए हैं जितना वे कोविड महामारी या चरमपंथ के दौरान नहीं थे.

अब इस मामले के कारणों का पता लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गृह मंत्रालय की अगुवाई में एक इंटर-मिनिस्ट्रियल टीम के गठन का आदेश दिया है. टीम में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो इन मौतों का कारण जानने और भविष्य में इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी में एक उच्चस्तरीय बैठक में इस मामले पर चर्चा की और स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को जांच तेज करने का निर्देश दिया. पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने अब तक 68 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.

बीमारी के लक्षण
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ितों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, बेहोशी और कुछ दिनों के भीतर मौत होने जैसे लक्षण देखे गए. 16 लोगों की मौत की मौत के अलावा, 38 लोग भी बीमारी हुए हैं. प्रशासन ने सभी संभावनाओं की जांच के लिए कदम उठाए हैं. 

क्या कहती है जांच?
CSIR-IITR द्वारा किए गए पोस्टमार्टम और नमूनों की जांच में पीड़ितों के शरीर में न्यूरोटॉक्सिन्स पाए गए हैं. हालांकि, सरकारी प्रवक्ता ने किसी भी संक्रामक रोग के कारण मौत होने की संभावना को खारिज कर दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि पीड़ितों के दिमाग में तरल पदार्थ जमा होने की समस्या (ब्रेन ओडेमा) देखी गई है.

गांव वालों की शिकायत और शंका
मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों में शंका का माहौल है. अपने पांच बच्चे, मामा और मामी को खो देने वाले मोहम्मद असलम ने इसे अपने परिवार के खिलाफ साजिश मानते हैं. उन्होंने बताया कि 7 दिसंबर को उनके साले और चार बच्चों की पहली मौत हुई थी, जिसे फूड प्वाइजनिंग माना गया. इसके बाद 12 दिसंबर को उनकी चचेरी बहन और उसके तीन बच्चे भी मारे गए. असलम का कहना है कि हजारों लोग शादी में खाना खा रहे थे, लेकिन केवल हमारे परिवार को ही निशाना बनाया गया.

ग्रामीणों की बढ़ती चिंता
गांव में भय का माहौल ऐसा है कि लोग अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लेने से डर रहे हैं. नए कब्रिस्तान में लगातार शव दफनाए जा रहे हैं. एक सामाजिक कार्यकर्ता, जहीर अहमद गोरसी ने कहा कि यह गांव के लिए परीक्षा की घड़ी है. सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए हरसंभव प्रयास करने की बात कही है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना है. अब पूरा गांव इस उम्मीद में है कि जल्द ही इस रहस्यमयी मौतों का कारण सामने आए और उनका डर खत्म हो सके.

(इनपुट- न्यूज एजेंसी PTI)

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