Quadrilateral Security Dialogue: दक्षिण चीन सागर विवाद, ताइवान समेत कई मुद्दों पर चीन आक्रामक रुख बनाए हुए है. इसलिए वह हर हालत में क्वाड को कमजोर होते देखना चाहेगा.
Trending Photos
QUAD Vs CHINA: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं. उससे पहले ग्रीनलैंड, कनाडा, पनामा नहर को लेकर उनकी बयानबाजी से दुनिया में नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. विश्लेषक इसको अमेरिका के भू-राजनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव के नजरिये से देख रहे हैं. इसी बात से सवाल उठ रहा है कि भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की रणनीतिक भागीदारी वाले (QUAD- Quadrilateral Security Dialogue) का भविष्य क्या होगा?
चीन हमेशा से QUAD का विरोधी रहा है और ये मानता है कि उसके प्रभाव को कम करने के लिए ये अमेरिका की भू-राजनीतिक चाल है. नकारात्मक प्रचार के तहत वह क्वाड को एशियाई नाटो कहता रहा है. इस पृष्ठभूमि में चीन की चिंता बढ़ाने वाली बात ये है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए क्वाड के विदेश मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है. भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे.
यदि डोनाल्ड ट्रंप के दौर में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समेत हर मोर्चे पर प्रतिद्वंद्विता बढ़ती है तो चेक-बैलेंस के तहत क्वाड की उपयोगिता बढ़ेगी लेकिन यदि किन्हीं कारणों से इसको ज्यादा महत्व नहीं दिया गया तो ये चीन को बेहद तसल्ली देने वाली बात होगी.
दक्षिण चीन सागर विवाद, ताइवान समेत कई मुद्दों पर चीन आक्रामक रुख बनाए हुए है. इसलिए वह हर हालत में क्वाड को कमजोर होते देखना चाहेगा.
बदलती रणनीति
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद ट्रंप, क्वाड पर फोकस कर सकता है. वह चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिशों के तहत इस मंच का उपयोग कर सकता है. इसमें लेकिन दिक्कत ये है कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे क्वाड के सदस्य देशों की अपनी प्राथमिकताएं हैं और कई मोर्चों पर इनमें आपस में भी मतभेद है.
दूसरी बड़ी समस्या ये है कि भारत समेत क्वाड के मुल्कों के चीन के साथ द्विपक्षीय संबंध भी हैं. उसका असर इस बात में देखने को मिलता है कि अब तक हुई क्वाड की बैठकों में सामरिक रणनीतियों का जिक्र करते वक्त चीन का नाम लेने से परहेज किया जाता है. इसलिए ही चीन भी क्वाड को बस एक प्रतीकात्मक मंच ही मानता है. इन परिस्थितियों को देखते हुए क्वाड का भविष्य ट्रंप के दौर में क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी?