अब छन-छनकर भारत में दाखिल होंगे विदेशी! छोटी सी गलती भेजेगी 'डिटेंशन कैंप', क्या है नया इमिग्रेशन बिल
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अब छन-छनकर भारत में दाखिल होंगे विदेशी! छोटी सी गलती भेजेगी 'डिटेंशन कैंप', क्या है नया इमिग्रेशन बिल

What is New Immigration Bill: सरकार नया इमिग्रेशन बिल बजट सत्र के दूसरे भाग में पेश कर सकती है. नया बिल उन लोगों के लिए मुसीबत बनेगा जो भारत में एंट्री के लिए किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा करके भारत में दाखिल होने की फिराक में रहते हैं.

अब छन-छनकर भारत में दाखिल होंगे विदेशी! छोटी सी गलती भेजेगी 'डिटेंशन कैंप', क्या है नया इमिग्रेशन बिल

New Immigration Bill: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) इमिग्रेशन और विदेशी विधेयक, 2025 को संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग में 10 मार्च को पेश कर सकता है. यह बिल उन चार मौजूदा कानूनों को खत्म कर देगा जो अभी तक इमिग्रेशन और विदेशियों की आवाजाही से जुड़े हैं. इस बिल का मकसद बिना वैध पासपोर्ट या वीज़ा के भारत में दाखिल होने वाले विदेशियों पर कड़ी सजा लागू करना है.

विधेयक क्या कहता है?

प्रस्तावित बिल भारत में आने और जाने, वीज़ा हासिल करने और विदेशियों के रजिस्ट्रेशन से जुड़े कई कानूनों के आपसी टकराव और दोहराव को खत्म करने के लिए बनाया गया है. बिल में कुल 6 अध्याय और 35 धाराएं हैं, जिनमें अलग-अलग कानूनों को एक ही दस्तावेज़ में शामिल किया गया है. इसमें इमिग्रेशन अधिकारी के काम, पासपोर्ट और वीज़ा की अनिवार्यता, विदेशियों और उनके रजिस्ट्रेशन से संबंधित प्रावधान साफ किए गए हैं.

किन कानूनों की जगह लेगा नया कानून?

➤ पासपोर्ट (भारत में एंट्री) अधिनियम 1920
➤ विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939
➤ विदेशियों का अधिनियम 1946
➤ इमिग्रेशन (वाहकों की देयता) अधिनियम 2000

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

बिल में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है जिसमें कहा गया है कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की संप्रभुता और अखंडता व किसी विदेशी देश के साथ संबंधों को खतरा' होने की बुनियाद पर किसी भी विदेशी को भारत में एंट्री करने या ठहरने से रोका जा सकता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक बिल कहता है,'कोई भी विदेशी भारत में प्रवेश या निवास नहीं कर सकता अगर उसे राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता, किसी विदेशी राज्य के साथ भारत के संबंध या सार्वजनिक स्वास्थ्य की बुनियाद पर अयोग्य पाया जाता है, या केंद्र सरकार के ज़रिए कोई कोई ऑब्जेक्शन जाहिर किया गया हो.' इसके अलावा इमिग्रेशन अधिकारी का फैसला अंतिम और बाध्यकारी होगा. पहले भी विदेशियों को प्रवेश से रोका जाता था, लेकिन इसका साफ तौर पर जिक्र किसी कानून में नहीं था और ना ही कोई नियम था. 

यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों के लिए भी जरूरी

यह बिल भारत की यूनिवर्सिटियों, अस्पतालों और अन्य मेडिकल संस्थानों के ज़रिए विदेशी नागरिकों के प्रवेश से संबंधित दिशानिर्देश भी निर्धारित करता है. धारा 9 में कहा गया है,'हर यूनिवर्सिटी, शैक्षणिक संस्थान या कोई अन्य संस्थान जो किसी विदेशी को प्रवेश देता है, उसे ऐसे विदेशी के संबंध में रजिस्ट्रेशन अधिकारी को जानकारी देनी होगी, जिस तरह तय किया गया हो.'

अस्पतालों से जुड़ा प्रावधान

धारा-10 में कहा गया है,'हर अस्पताल नर्सिंग होम या कोई अन्य मेडिकल संस्थान, जो चिकित्सा उपचार या ठहरने की सुविधा प्रदान करता है, उसे ऐसे किसी भी विदेशी मरीज की जानकारी रजिस्ट्रेशन अधिकारी को देनी होगी, जैसा कि बिल में तय किया गया है.'

रजिस्ट्रेशन से जुड़े नए नियम

पहले यूनिवर्सिटीज और मेडिकल संस्थानों के लिए कोई साफ नियम नहीं थे. विदेशी नागरिकों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) में रजिस्ट्रेशन कराना होता था. वर्तमान में होटलों और गेस्ट हाउसों को विदेशियों के पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी पुलिस के साथ शेयर करनी होती है. नए कानून के तहत केंद्र सरकार को यह हक होगा कि वह विदेशियों के भारत में प्रवेश, निकास और उनके देश के अंदर आवागमन को नियंत्रित कर सके.

➤ विदेशियों को अपने खर्चे पर देश छोड़ना होगा.
➤ बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा.
➤ कुछ इलाकों में उनकी एंट्री पर रोक लगाई जा सकती है.

वाहक (Carriers) की जिम्मेदारी:

बिल में सबूत देने की जिम्मेदारी का प्रावधान शामिल है, यानी यह व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी कि वह यह साबित करे कि वह विदेशी नहीं है. इसके अलावा यह विधेयक वाहकों (Carriers) की ज़िम्मेदारी और विदेशियों की अनिवार्यताओं को भी करता है. अगर किसी विदेशी को भारत में प्रवेश से रोका जाता है तो इमिग्रेशन अधिकारी उसे उस वाहक (जैसे एयरलाइन, शिपिंग कंपनी) को सौंप देगा, जो उसे भारत लाया था. वाहक को यकीनी बनाना होगा कि उसे बिना किसी देरी के भारत से हटा दिया जाए.

सजा क्या होगी?

नए विधेयक के अनुसार बिना पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज़ के भारत में प्रवेश करने वाले किसी भी विदेशी को सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लग सकता है. उनको 5 साल की सजा या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों दिए जा सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति फर्जी या धोखाधड़ी के साथ हासिल किए गए पासपोर्ट, यात्रा दस्तावेज़ या वीज़ा का इस्तेमाल करता है या सप्लाई करता है तो, 2 साल से 7 साल तक की जेल, 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना. 

'नज़रबंदी केंद्र' में भी डाला जा सकता है

वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भारत में ठहरने पर 3 साल की सजा, 3 लाख रुपये का जुर्माना, नज़रबंदी केंद्र (Detention Centre) का प्रावधान शामिल है. बिल में सीधे तौर पर 'नज़रबंदी केंद्र' शब्द का उपयोग नहीं किया गया है लेकिन धारा 13 में कहा गया है कि विदेशियों को एक तय जगह स्थान पर सरकार की निगरानी में रहना होगा.

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