प्लास्टिक की कुर्सी, सीलन और किचन की हालत देखकर दोस्तों ने उड़ाया था विक्रांत का मजाक, टीवी से कमाते थे 35 लाख महीना
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प्लास्टिक की कुर्सी, सीलन और किचन की हालत देखकर दोस्तों ने उड़ाया था विक्रांत का मजाक, टीवी से कमाते थे 35 लाख महीना

Vikrant Massey: विक्रांत मैसी '12वीं फेल' के बाद से फैंस के फेवरेट बन गए हैं. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू देते हुए अपनी लाइफ को लेकर खुलकर बात की. अभिनेता ने टीवी इंडस्ट्री से लेकर अभी तक के करियर से जुड़े कई खुलासे किए. 

प्लास्टिक की कुर्सी, सीलन और किचन की हालत देखकर दोस्तों ने उड़ाया था विक्रांत का मजाक, टीवी से कमाते थे 35 लाख महीना

Vikrant Massey: आज विक्रांत मैसी को हर कोई जानता है. अभिनेता ने 12वीं फेल फिल्म के लिए अवार्ड जीता है. पर सालों पहले उनके लिए सबकुछ आसान नहीं था. अभिनेता ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपनी पर्सनल लाइफ और करियर के बारे में खुलकर बात ही. उन्होंने बताया कि टीवी इंडस्ट्री छोड़ते वक्त वो हर महीना 35 लाख रुपये कमाते थे. पर उन्होंने कोई और फैसला लेना पसंद किया. आइए जानते हैं अभिनेता की लाइफ से जुड़े अनसुने किस्से.  

हर महीने 34 लाख कमाते थे विक्रांत मैसी 

विक्रांत मैसी ने अपने करियर की शुरुआत टीवी से की थी. 'अनफिल्टर्ड बाय समदिश' पर बातचीत के दौरान उन्होंने टीवी इंडस्ट्री के बारे में किस्से साझा किए. अभिनेता ने बताया कि उन्होंने 24 साल की उम्र में खुद का घर खरीदा था. लेकिन टीवी के कंटेंट को देखते हुए उन्होंने इंडस्ट्री को छोड़ने का फैसला लिया. 

वो कहते हैं, "मैं बहुत सारा पैसा कमा रहा था. 24 साल की उम्र में मैं हर महीने 35 लाख रुपये कमा रहा था. खासकर किसी ऐसे व्यक्ति के लिए यह बड़ी बात है जो मिडिल क्लास से आता है. मैंने उस समय टीवी छोड़ा जब मेरे हाथ में 35 लाख रुपये हर महीने कमाने का कॉन्ट्रैक्ट था. मैंने अच्छा काम करने और शांति पाने का फैसला किया." विक्रांत ने यह भी साझा कि उनकी बचत एक साल में खत्म हो गई थी और उस समय उनकी वाइफ शीतल ऑडिशन के लिए पैसे दिया करती थीं. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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अभिनेता का घर देखते ही बदल गया था दोस्तों को बर्ताव 

कहते हैं समय के साथ लोग बदल जाते हैं. इंडस्ट्री में भी ऐसा ही होता है. विक्रांत अपने दोस्तों के बदले बर्ताव को याद करते हुए कहते हैं, "एक घटना थी जहां पर मैंने लोगों को घर बुलाया. अपने दोस्तों को, बहुत गहरे दोस्त थे. मुझे इसमें कोई शर्म नहीं है. क्योंकि मेरी मां बहुत अच्छा खाना बनाती है, तो मैंने बोला घर आओ यार, दावत पे बुलाया सबको." 

वो आगे कहते हैं, "जब घर की दिशा देखी, उन्होंने देखा कि प्लास्टिक की कुर्सियां हैं, घर पर पेंट खराब है, सिलन लगी हुई है सीलिंग पर, किचन उनके हिसाब से ठीक नहीं था, तो अगले दिन से फिर उनका बर्ताव मेरी तरफ बदल गया . मुझे चैट्स दिखाई गई हैं कि विक्रांत का घर कैसा है.. हे भगवान.. ऐसे घर में रहता है, उसको देख के तो लगता नहीं." हालांकि, आज विक्रांत ने अपनी मेहनत के बल से सबकुछ हासिल कर लिया है.

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