Stree 2 Director: इस समय श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की हॉरर-कॉमेडी फिल्म 'स्त्री 2' सिनेमाघरों में धूम मचा रही है और ताबड़तोड़ कमाई कर रही है. फिल्म को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसी बीच फिल्म के डायरेक्टर अमर कौशिक ने खुलासा किया कि क्यों फिल्म में नेहा कक्कड़ का नाम बदलकर कर 'स्नेहा कक्कड़' दिया गया था?
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Stree 2 Director Amar Kaushik: श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की हॉरर-कॉमेडी फिल्म 'स्त्री 2' 15 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसको बॉक्स ऑफिस पर हफ्ता भर हो चुका है और फिल्म ने 300 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. फिल्म को दर्शकों और क्रिटिक्स का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. फिल्म को अमर कौशिक ने डायरेक्ट किया है, जिसमें अभिषेक बनर्जी, अपारशक्ति खुराना, पंकज त्रिपाठी जैसे कलाकार नजर आ रहे हैं. साथ ही फिल्म में कुछ सरप्राइज कैमियो भी हैं.
ये फिल्म साल 2018 में आई हॉरर-कॉमेडी फिल्म 'स्त्री' का सीक्वल है, जिसकी कहानी स्त्री के चंदेरी से जाने के बाद सरकटा भूत के आतंक पर आधारित है. इसी बीच फिल्म के डायरेक्टर अमर कौशिक ने हाल ही में फिल्म से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला खुलासा करते हुए बताया कि क्यों सीबीएफसी सदस्यों ने फिल्म में नेहा कक्कड़ के जोक को बदलकर ‘स्नेहा कक्कड़’ में बदल दिया था? अमर ने बताया कि मेंबर्स ने कहा कि इस तरह के जोक कुछ लोगों को परेशान कर सकते हैं. अमर ने उनकी बात को समझा.
क्यों बदला नेहा कक्कड़ का जोक ‘स्नेहा कक्कड़’?
मेंबर्स की इस बात पर सहमति जताते हुए अपर कौशिक ने कहा कि बदलाव के बावजूद लोगों को इस जोक का असली मतलब समझ में आ गया. अमर ने बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए बताया, 'सीबीएफसी के मेंबर्स ने कहा कि ऐसे जोक्स से बुरा लग सकता है. हमें लगा कि उनकी बात जायज है और इसलिए हमने उनसे डायलॉग को बरकरार रखने की मांग नहीं की. वैसे भी, लोगों को तो समझ में आ गया था'. उन्होंने आगे कहा, 'जब आप कॉमेडी लिखते हैं, तो आप इस तरह के चुटकुले बनाते हैं. जैसे जब आप दोस्तों के साथ बैठे होते हैं, तो आप इस तरह की कमेंट्स करते हैं'. डायरेक्टर ने आगे कहा, 'यहीं पर मजा आता है'.
सेंसर बोर्ड ने डायलॉग नहीं काटा, बल्कि उसको बदला
फिल्म के राइटर नीरेन भट्ट और मेरा इरादा ये था कि जिस तरह से लोगों को अपनी लाइफ में हंसते और कॉमेडी करते हैं. हम भी उसी तरह का मजा दर्शकों को दें. हम मजाक नहीं करते. हमको 'गैग' शब्द से ही नफरत है! जब कोई कहता है 'एक गैग डाल देते हैं', तो मैं कहता हूं 'नहीं चाहिए मुझे गैग'. मेरे लिए गैग उल्टी करने जैसा है'! अमर कौशिक ने कहा, 'इस बार हम जिन सीबीएफसी मेंबर्स से मिले, वे इंटेलिजेंट और समझदार थे. उन्होंने हमारी बात सुनी. हम कई कट ले सकते थे. उन्होंने हमसे कहा, 'हां, इस डायलॉग में समस्या है, लेकिन अगर हम इसे काटते हैं, तो ये कहानी को प्रभावित करेगा और हम जानते हैं कि आपने इसे किसी कारण से जोड़ा है. इसलिए, हम इसे सेंसर नहीं करेंगे'. मैं हैरान था. हम तैयार थे कि बहुत सारे डायलॉग काटे जाएंगे'.