Shekhar Kapur On AR Rahman: हाल ही में फिल्ममेकर शेखर कपूर ने म्यूजिक के बादशाह कहे जाने वाले एआर रहमान को एक अद्भुत स्तर की विनम्रता वाला प्रतिभाशाली इंसान बताया है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कैसे रहमान शुरू में विदेश में काम करने को लेकर घबराए हुए थे और कैसे उन्होंने अपने काम को खत्म किया था.
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Shekhar Kapur On AR Rahman: पिछले दिनों संगीत के सम्राट कहे जाने वाले एआर रहमान ने फिल्म निर्माता शेखर कपूर को अपना गुरु बताया था. वहीं, हाल ही में अपने एक इंटरव्यू के दौरान जब शेखर से रहमान के साथ सहयोग करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने रहमान को एक विनम्रता वाला प्रतिभाशाली इंसान बताया और उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें भी बताई. फिल्ममेकर ने बताया कि कैसे उन्होंने रहमान में सेल्फ कॉन्फिडेंस पैदा किया था जब संगीतकार विदेश में अपने काम की शुरुआत करने जा रहे थे और काफी घबराए हुए थे.
यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया के साथ बात करते हुए फिल्ममेकर शेखर ने अपने ब्रॉडवे म्यूजिकल 'बॉम्बे ड्रीम्स' में रहमान के साथ काम करने के बारे में बात करते हुए बताया, 'जब मैं उनसे मिला, तब तक एआर रहमान का इंडस्ट्री में नाम हो चुका था. मैंने उसे जो एकमात्र सलाह दी वो ये थी कि मैंने उसे टेक्नोलॉजी के बारे में बताया और मैं उसे इंडिया से बाहर ले गया. मैंने बॉलीवुड थीम पर आधारित म्यूजिकल 'बॉम्बे ड्रीम्स' का निर्माण किया. मैंने संगीतकार एंड्रयू लॉयड वेबर के साथ काम किया. जब मैं रहमान को ला रहा था तो एंड्रयू बहुत परेशान था'.
रहमान एक प्रतिभाशाली इंसान हैं - शेखर कपूर
उन्होंने आगे बताया, 'क्योंकि उसने पश्चिम में फैंटम ऑफ द ओपेरा और कई कई दूसरे म्यूजिकल काम किए हैं. मैंने उसे रहमान को लाने के लिए मना लिया. रहमान भी डरा हुआ था. उसे यकीन नहीं था कि वे उसे स्वीकार करेंगे या नहीं, लेकिन तब मैंने उससे कहा कि अगर उन्होंने मुझे स्वीकार किया, तो वे तुम्हें भी स्वीकार करेंगे. मैं जानता था कि रहमान एक प्रतिभाशाली इंसान थे और उनमें बहुत विनम्रता थी'. इतना ही नहीं, फिल्ममेकर शेखर कपूर का मानना है कि म्यूजिशियन एआर रहमान का विश्वास सोलफुल म्यूजिक तैयार करने की उनकी क्षमता में बहुत जरूरी भूमिका निभाता है'.
अपनी प्रार्थना में सब सुनते हैं रहमान
फिल्ममेकर ने आगे बताया, 'इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, 'जब मैं उनके साथ काम कर रहा था, तो उन्होंने मुझे बैठाया और ऊपर चले गए. फिर वो वापस आया और उसने धुन बजाना शुरू कर दिया. मुझे लगता है कि जब वो माफी मांगता है तो वो नमाज पढ़ता है. उस प्रार्थना में वो सब कुछ सुनता है और विश्वास को सब कुछ दे देता है. उसे धुन अपने विश्वास से मिलती है. उसे एक इशारा मिलता है और वह पूरी धुन बना देता है. मैंने उनमें ये विनम्रता देखी, उनमें कोई अहंकार नहीं है'.