Lata Mangeshkar Death Anniversary: लता मंगेशकर लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रस्तुति देने वाले पहले भारतीय गायक थीं. यह न केवल उनके लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए भी सम्मान की बात थी. लता मंगेशकर ने लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में नंगे पैर गाना गाया था.
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Lata Mangeshkar Death Anniversary 2024: आज 6 फरवरी 2024 को भारत की महान गायिका लता मंगेशकर की दूसरी डेथ एनिवर्सरी है. कई दशकों के करियर में महान प्लेबैक सिंगर लता मंगेशकर ने अपने गीतों से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध किया. यूं तो उनके जीवन में ऐसी कई यादगार घटनाएं हैं, जो प्रेरणा मानी जाती है. ऐसी ही एक घटना के बारे में गायक सोनू निगम (Sonu Nigam) और जावेद अली (Javed Ali) ने साझा किया था, जिसको जानने के बाद लता मंगेशकर के लिए सभी के मन में और भी सम्मान बढ़ जाता है.
सोनू निगम ने खुलासा किया था कि एक बार लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल (Royal Albert Hall, London) में नंगे पैर गाना गाया था. सोनू निगम ने इसके पीछे की वजह का भी खुलासा किया था. सोनू निगम ने बताया था, ''जब लताजी को रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म करने का मौका मिला तो वह थोड़ी उलझन में थीं. यह प्रदर्शन करने के लिए सबसे प्रतिष्ठित स्थानों में से एक था और किसी भी गायक के लिए उस प्रतिष्ठित स्थान पर प्रदर्शन करना गर्व की बात थी. लताजी रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रस्तुति देने वाली पहली भारतीय गायिका थीं. यह न केवल उनके लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए भी सम्मान की बात थी.''
बिना चप्पलों के गाना गाती थीं लता मंगेशकर
जावेद अली ने एक घटना भी साझा की थी, जिससे पता चलता है कि लता मंगेशकर क्यों एक लीजेंड थीं. जावेद अली ने कहा, ''लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में जब लता जी को प्रस्तुति देनी थी तो दिलीप साहब (Dilip Kumar) को उनका परिचय कराना था. जैसे ही दिलीप साहब ने उनका परिचय दिया. लताजी बिना चप्पलों के मंच पर आ गईं. जब दिलीप कुमार ने यह देखा तो उन्होंने लताजी से कहा कि यह इंग्लैंड है, यहां ठंड है आप बीमार हो सकती हैं, लेकिन लताजी ने मना कर दिया और कहा, मैं कभी चप्पल पहनकर गाना नहीं गाती, क्योंकि मेरे लिए यह एक प्रार्थना है.''
अपने गाने नंगे पैर रिकॉर्ड करती थीं लता मंगेशकर
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लता मंगेशकर संगीत को भगवान की पूजा का पर्याय मानती थीं और इसलिए हमेशा अपने गाने नंगे पैर रिकॉर्ड करती थीं. लता मंगेशकर ने 1942 में 13 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया और संगीत जगत में सात दशक से अधिक का समय बिताया. भले ही वो आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाने आज भी फैन्स के जुबान पर रहते हैं.
5 साल की उम्र शुरू कर दी थी गायन की ट्रेनिंग
28 सितंबर 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र में गायन की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. उन्होंने हिंदी, मराठी, तमिल, बंगाली और अन्य सहित 30 से अधिक भारतीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए हैं. उनके कुछ सबसे लोकप्रिय गानों में 'लग जा गले', 'मोहे पनघट पे', 'होठों में ऐसी बात', 'चलते चलते', 'सत्यम शिवम सुंदरम', 'पानी पानी रे', 'अजीब दास्तां है' 'प्यार किया तो डरना', और 'नीला आसमान सो गया' आदि हैं.
भारत रत्न से सम्मानित हो चुकीं लता मंगेशकर
भारत की 'स्वरकोकिला' के नाम से मशहूर लता मंगेशकर ने अलग-अलग भाषाओं में 25,000 से ज्यादा गाने गाए हैं और कई अवॉर्ड्स भी जीते हैं. लता मंगेशकर को पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के और कई नेशनल अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. 2001 में उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था. इसी के साथ वह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाली दूसरी गायक बन गईं. लता मंगेशकर से पहले इस सम्मान से गायिका एम एस सुब्बुलक्ष्मी को दिया गया था.